सीबीएसई ने 10वीं के पाठ्यक्रम में ‘खाद्य सुरक्षा’ से संबंधित अध्याय से ‘कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव’ विषय हटाने के अलावा ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति-सांप्रदायिकता धर्मनिरपेक्ष राज्य’ खंड से फैज अहमद फैज की दो उर्दू कविताओं के अनुवादित अंश को भी इस साल बाहर कर दिया है। यह पहली बार नहीं जब सीबीएसई ने ऐसे कुछ अध्याय सिलेबस किये हों।
इस साल के 11वीं और 12वीं के सिलेबस में इतिहास और राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीतयुद्ध के दौर, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्य के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास और औद्योगिक क्रांति से संबंधित अध्याय हटा दिए हैं जबकि सीबीएसई ने पाठ्यक्रम सामग्री से ‘लोकतंत्र और विविधता’ संबंधी अध्याय भी हटा दिए हैं।
सीबीएसई का तर्क है कि परिवर्तन पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने का हिस्सा है। उसके मुताबिक यह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की सिफारिशों का हिस्सा है।
पिछले साल के पाठ्यक्रम विवरण के अनुसार, 11वीं के इतिहास पाठ्यक्रम से इस साल हटाया गया अध्याय ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स’ अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्र में इस्लामी साम्राज्य के उदय और अर्थव्यवस्था और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में बात करता है। उधर 12वीं के इतिहास पाठ्यक्रम में ‘द मुगल कोर्ट -रिकंस्ट्रक्टिंग हिस्ट्री थ्रू क्रॉनिकल्स’ शीर्षक वाला अध्याय मुगलों के सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास के पुनर्निर्माण के संबंध में मुगल दरबारों के इतिहास की पड़ताल करता है।’
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