ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को आनॅलाइन बैठक हुई। बैठक का मुख्य मुद्दा कोरोना संक्रमण के हालात और उससे पैदा हुई चुनौतियों से निपटना था। इसमें सभी देशों से सहयोग की अपील की गई थी। बैठक की अध्यक्षता भारत ने की।
ब्रिक्स पांच देशों का समूह है। इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका शामिल हैं। इसका नाम सदस्य देशों के नाम के हिसाब से रखा गया है। हर देश के नाम का पहला पहला अल्फाबेट लिया गया है। वर्चुअल बैठक चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि उनका देश इस मुश्किल दौर में भारत के साथ खड़ा है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा- भारत महामारी के मुश्किल दौर से गुजर रहा है। इस मुश्किल समय में हम नई दिल्ली को सहयोग का वादा करते हैं। हम बाकी ब्रिक्स देशों से भी कहना चाहते हैं कि चीन इस मामले पर सहयोग के लिए तैयार है। भारत कोरोना की दूसरी लहर से बेहद प्रभावित हुआ है और उसमें सभी को मदद के लिए आगे आना चाहिए।
बैठक में दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री ने कोरोना टीके का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वैक्सीन के मामले में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और प्रोडक्शन पर सहयोग और समझौते की जरूरत है। हमें यह याद रखना होगा कि जब तक सभी सुरक्षित नहीं हो जाते, तब तक हम भी सुरक्षित नहीं हैं। टीके के मामले में पूरी दुनिया को एककजुट होना होगा और सभी को इसे मुहैया कराना होगा।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सभी देशों के विदेश मंत्रियों ने एक-दूसरे को सामूहिक रूप से हाथ जोड़कर नमस्कार किया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सभी देश देशों को बराबरी का हक और प्रतिनिधित्व मिले। एक दूसरे की संप्रभुता का सम्मान भी संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के हिसाब से किया जाना चाहिए।