पंजाब के संगरूर में पिछले पांच दिन से बोरवेल में फंसे दो साल के फतेहवीर को मंगलवार को बोरबेल से तो निकाल लिया गया लेकिन उसकी मौत हो गई है। उसे सुबह करीब पांच बजे कड़ी मेहनत के बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया था। घटना पर गहरी संवेदना जताते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अधिकारियों को आदेश जारी कर प्रदेश भर में बोरबेल पर २४ घंटे में रिपोर्ट तलब की है।
आज सुबह फतेहवीर को बोरबेल से तो निकाल लिया गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति प्रदान की गई थी और बच्चे पर नजर रखने के लिए एक कैमरा भी लगाया गया था। हालांकि बताया गया है कि पांच दिन तक उसे खाने के लिए कुछ नहीं दिया गया था।
बच्चे का मुंह मिट्टी में धसा हुआ था। काफी कोशिशों के बाद भी जब फतेहवीर नहीं निकला तो उसे लोहे का कुंडा डालकर बाहर खींचा गया। दुखद यह भी रहा कि बच्चे का सोमवार को ही जन्मदिन था और वो दो साल का हुआ था।
फतेहवीर संगरूर जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास सूखे पड़े बोरवेल में छह जून की शाम करीब चार बजे खेलते वक्त बोरवेल में गिर गया था। मासूम फतेहवीर को बचाने की कवायद १०८ घंटे से चल रही थी, वो आज सुबह ५.१० बजे पूरी हुई। करीब १५० फुट गहरे बोरवेल से फंसे फतेहवीर को बाहर निकाल लिया गया लेकिन दुर्भाग्य से उसकी मौत हो गयी।
बोरवेल में फंसे संगरूर के फतेहवीर की मौत
करीब १०८ घंटे बाद बाहर तो निकाल लिया लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी