एक ओर तो देश कोरोना वायरस के संकट से देश जूझ रहा है। वहीं कुछ अराजक तत्वों द्वारा अफवाहें फैलाये जाने से मध्य प्रदेश के शहरों से लेकर गांवों तक में लॉकडाउन के दौरान भी सोशल डिस्डेंस की धज्जियां उडाई जा रही है। सबसे हैरान और परेशान करने वाली बात तो ये है कि अफवाह उड़ायी जा रही है कि विधवा पैेशन और वृद्वा पेंशन के नाम पर सरकार ने हजारों रुपये बैकों में जमा कर दिये है। इस कारण महिलायें बैकों में रुपये निकालने को आ जाती है और बैक के कर्मचारियों से कहती हैं कि प्रदेश सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेंशन का पैसा जमा करवाया है, वह निकाल दो। ऐसे माहौल में बैेकों के कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जो महिलाएं पैसा निकालने बैकों में आती हैं, उनको पता तक नहीं होता है कि कितना पैसा उनके खाते में जमा है और कितना पैसा सरकार ने जमा किया है? फिर भी वे बैकों में आकर लम्बी-लम्बी लाइनों में लगकर सोशल डिस्डेंस की धज्जियों उड़ा रही हैं।
मध्य प्रदेेश के छतरपुर जिलेे में महिलाएं बैकों में आकर बैक के कर्मचारियों से कहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो विधवा और वृद्वा पेशन का पैसा जमा किया है, इलाज और खर्च के नाम पर, वो वह पैसा निकाालने आई हैं। ऐसे में बैक के कर्मचारियों के सामने बड़ी ही विकट समस्या बन जाती है। दतिया जिले में तो हालत ऐसे हो गये थे कि बैकों के बाहर इस कदर भीड़ लग गयी थी कि पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद महिलाओं की बैक के बाहर खड़ी भीड को काबू किया।
गौर करने वाली बात है कि ये कि शहरों में तो पुलिस की चौकसी के बाद लॉकडाउन का पालन हो ही रहा है, पर कस्बों और गांवों में पुलिस की सख्ती कम होती है । ऐसे में यहां पर सोशल डिस्डेंस का पालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। बताते चलें कि मध्य प्रदेश में तेजी से कोरोना वायरस के मामले के चलते पूरे प्रदेश में हड़कंप है। यहां पर मेल-मिलाप लगभग बंद है । क्योंकि ग्वालियर, मुरैना, विदिशा और भोपाल सहित इंदौर में कोरोना वायरस का प्रकोप लोगों में दहशत पैदा कर रहा है। ऐसे में जरा-सी लापरवाही लोगों के लिए खतरा साबित हो सकती है। मुरैना के ठाकुर सुरेन्द्र गुर्जर ने बताया कि मुरैना में दिल्ली से डेली अपडाउन करने वालों की काफी संख्या है, जो टृेन, बसों और कारों से आते-जाते हैं। ऐसे में मुरैना में कोरोना के पॉजीटिव के मामले भी सामने आये हैं। बैक के बाहर खड़ी महिलाओं के दिमाग में न जाने कहां से यह बात भर दी गयी है कि लॉकडाउन के चलते सरकार खाने को सामान भी देगी और बैकों में सरकार पैसा जमा कर रही है। दतिया में बैक के बाहर रुपये निकालने लगी महिला ने बताया कि सरकार तब तक खर्चा महिलाओं को देगी, जब तक कोरोना वायरस नामक महामारी है। बैक कर्मचारी एस.के. शर्मा ने बताया कि अभी भी बैक में तमाम खाताधारकों में जागरूकता का अभाव है। इसलिए ये लोग बिना जाने-समझे बैकों में आकर रूपये निकालने की बात करते हैं। उनका कहना है बैक में आने पर किसी को कोई दिक्कत नहीं है,पर इस समय महामारी का कहर है। ऐसे में बैकों में आना सबके लिए मुसीबत का कारण बन सकता है।