सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों की देशव्यापी हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है और इसका बैंक से जुड़े कामों पर व्यापक असर पड़ा है। बैंकों के दरवाजों पर ताले लटके हैं और अधिकारी और कर्मचारी बैंकों में नहीं पहुंचे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैंकों के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों का समर्थन किया है।
हड़ताल के कारण लगातार दूसरे दिन बैंकिंग कामकाज ठप दिख रहा है और बैंकों में नकदी की निकासी और चेक/नकदी जमा नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी है। कारोबारी लेनदेन पर भी हड़ताल का व्यापक असर पड़ा है।
बैंक यूनियन के इस आह्वान पर दो दिन से करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल हुए हैं। बैंक कर्मियों-अधिकारियों की नौ यूनियनों (एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ) के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। बैंक यूनियनों ने नेताओं ने मंगलवार को कहा कि हड़ताल के कारण पहले दिन करीब 70 हजार करोड़ रुपए का लेनदेन बाधित हुआ।
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैंकों के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों को बेचकर देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रही है।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा -‘सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है। पब्लिक सेक्टर के बैंकों को बेचकर देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता किया जा रहा है। मैं हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों के साथ खड़ा हूं।’