विश्व रैंकिंग: 11 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : चौथा स्थान (1986) खास बात मशहूर क्लब चेलसी में जगह पाने में नाकाम रहने के बाद केविन डी ब्रुइन ने वुल्फ्सबर्ग का रुख किया और जर्मन लीग बंुडेसलीगा में शानदार प्रदर्शन किया. क्वालीफाइंग मुकाबलों में वे बेल्जियम के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी के तौर पर उभरे. विपक्षी टीम का ध्यान हजार्ड पर रहने की वजह से ब्रुइन मौका चुराकर ज्यादा ुनकसान का सबब बन सकते हैं |
बेल्जियम की इस टीम में कुछ खास बात है. वर्ष 2002 के विश्व कप के दूसरे दौर में ब्राजील (जो बाद में विजेता बनी) से हारने वाला बेल्जियम 2006 में जर्मनी तथा 2010 में दक्षिण अफ्रीका में हुए विश्व कप के लिए क्वालिफाई तक नहीं कर सका. लेकिन 12 साल के इस अंतराल में टीम ने युवा खिलाड़ियों की एक ऐसी फौज तैयार की है जो बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए तैयार दिखते हैं. उनमें से कई तो पहले ही अपने-अपने क्लब के लिए काफी नाम कमा चुके हैं. स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लीगा में अटलेटिको मैड्रिड की जीत के दौरान थिबाउत कोर्टियो के शानदार बचाव को भला कौन भूल सकता है. वहीं विंसेंट कोपनी मैनचेस्टर सिटी की रक्षापंक्ति के आधार हैं और उन्होंने टीम को प्रीमियर लीग में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. उधर, इडेन हर्जाड चेलसी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रह चुके हैं.इस टीम के बारे में आम शिकायत यही है कि इसके खिलाड़ी क्लब के लिए किए गए प्रदर्शन को अपने देश के लिए दोहरा नहीं पाते. लेकिन उन्होंने विश्व कप के लिए बेहतरीन ढंग से क्वालिफाई किया. क्रोएशिया, सर्बिया और स्कॉटलैंड की मौजूदगी में उन्होंने ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल किया. कोच मार्क विलमॉट्स के लिए स्ट्राइकर क्रिश्चियन बेंटेक की चोट और अच्छे फुलबैक की कमी चिंता का विषय है. हालांकि एक्सेल विटसेल और केविन डी ब्रुइन तथा अदनान जानुजाज जैसी प्रतिभाओं से सजा टीम का मिडफील्ड इसकी भरपाई करने में सक्षम है. |