बेरोजगारी का मसला हमेशा मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब रहा है और विपक्ष खासकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मसले पर मोदी सरकार को लगातार घेरते रहे हैं। मोदी सरकार के लिए यह मुद्दा चुनावी साल में इसलिए भी राजनीतिक मुसीबत का मुद्दा है क्योंकि है उनकी ही सरकार के
नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) ने रोजगार के आंकड़े जारी करते हुए खुलासा किया है कि देश में इस समय बेरोजगारी पिछले ४५ साल के उच्चतम स्तर पर है। अब गुरूवार को राजधानी दिल्ली में देशभर से आए युवा प्रदर्शन कर रहे हैं जिसे ‘‘यंग इंडिया अधिकार मार्च” का है।
जाहिर है लोकसभा चुनाव से ऐन पहले रोजगार का मुद्दा मोदी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। अब सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाले इस मसले पर
गुरुवार को देश की कई यूनिवर्सिटियों के छात्र संगठन दिल्ली में ”यंग इंडिया अधिकार मार्च” शुरू कर चुके हैं जिसमें बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे हैं।
इन छात्रों का मार्च लाल किले से शुरू हुआ है और संसद मार्ग तक जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस ने रोजगार के आंकड़े जारी किए थे जिनके मुताबिक देश में बेरोजगारी ४५ साल के उच्चतम स्तर पर है। आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी की दर ६.१ फीसदी है। आंकड़ों सामने के आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार को घेरा था, हालांकि, केंद्र सरकार ने इन आंकड़ों को गलत बताया था।
मार्च में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी, एफटीआईआई, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अलावा और भी छात्र शामिल हैं। इन सभी यूनिवर्सिटियां के छात्र पिछले एक महीने से देशभर में रोजगार, अच्छी शिक्षा के मुद्दे को उठा रही हैं।
गौरतलब है कि मार्च का मुख्य मकसद सस्ती अच्छी शिक्षा, सम्मानजनक रोजगार, भेदभाव से मुक्ति और आजाद विचार को लागू करवाना है। इससे पहले भी इन संगठनों ने एसएससी, रेलवे भर्ती, पेपर लीक और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है। मार्च में हार्दिक पटेल, योगेंदर यादव जैसे नेता शामिल हैं।