दिल्ली में बुलडोजर चलने से जो भी सियासी हंगामा चल रहा है। उससे सियासतदानों को जरूर सियासी लाभ हो सकता है। लेकिन बुलडोजर के चलने से स्थानीय लोगों को भारी नुकसान हो रहा है।
तहलका संवाददाता को शाहीन बाग और नजफगढ़ सहित अन्य लोगों ने बताया कि बुलडोजर को तो कम चलाया जा रहा है पर हंगामा ज्यादा मचाया जा रहा है। लोगों को हर रोज पुलिसिया तांडव से जूझना पड़ता है। और हर रोज स्कूल से आने-जाने वाले बच्चों को ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता है।
शाहीन बाग के निवासी सलीम खान का कहना है कि, बुलडोजर तो वापस कर दिया था उसके बाद जो बुलडोजर का भय बना हुआ है वो ठीक नहीं है। ऐसे में एमसीडी के कर्मचारी बुलडोजर का भय दिखाकर लोगों से सांठगांठ करने में लगे है। नजफगढ़ के धर्मपाल सिंह का कहना है कि जैसे ही दिल्ली में एमसीडी के चुनाव हो जायेगे तो फिर सियासी बुलडोजर देखने को नहीं मिलेगे।
उन्होंने आगे कहा कि, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह दिल्ली में बुलडोजर सफल नहीं होगे।
दिल्ली का भौगोलिक ढांचा और इमारतों की स्थिति कुछ और है। ऐसे में बुलडोजर का जो भय दिखाया जा रहा है। वो पूरी तरह से गलत है।
व्यापारियों ने बताया कि बुलडोजर का हो हल्ला दिखा कर दुकानों का बंद करना पड़ता है। जिससे रिहायशी इलाकों में खुली दुकानों पर काफी असर पड़ता है। दुकानदारों का कहना है कि बुलडोजर जो चल रहा है वो तो ठीक है पर दुकानें बंद हो रही है। सरकार को इस मामले में कोई कारगर कदम उठाने की जरूरत है।ताकि आम जनमानस को कोई दिक्कत न हो सकें।