आखिर ३१ दिन के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को गुरूवार को गिरफ्तार कर ही लिया। योगेश घटना के दिन से ही फरार था। यूपी पुलिस की उसे न पकड़ पाने के लिए जमकर फ़ज़ीहत हो रही थी। गौरतलब है कि ३ दिसंबर को बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर हिंसा भड़की थी, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि योगेश पर बुलंदशहर की घटना में हिंसा भड़काने का आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक योगेश को बुधवार देर रात बुलंदशहर के बीबीनगर से पुलिस ने गिरफ्तार किया। योगेश खुर्जा से बुलंदशहर आते समय ब्रह्मानन्द कॉलेज के पास से पकड़ा गया। इससे पहले योगेश राज की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर यूपी पुलिस पर सवाल उठ रहे थे।
पहले यह भी आरोप लगे थे कि यूपी की पुलिस योगेश राज को कथित तौर पर ”क्लीन चिट” देना चाहती थी। लेकिन इस मामले में जान दवाब को देखते हुए ऐसा नहीं किया जा सका। पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में प्रशांत नट और कलुआ को गिरफ्तार किया था और बढ़चढ़कर प्रचार किया था कि यही असली आरोपी हैं।
योगेश के अलावा बीजेवाईएम का पूर्व स्याना नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल भी मामले में आरोपी है, जिसे कोर्ट से ३० दिन की सुरक्षा मिली हुई है। पुलिस का कहना है कि प्रटेक्शन पूरी होते ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अब तक इस मामले में ३१ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।