ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने उस पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसमें बुकी संजीव चावला के भारत प्रत्यर्पण की बात है। ब्रिटेन की एक अदालत ने वर्ष २००० में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए की संलिप्तता वाले मैच फिक्सिंग मामले में मुख्य आरोपी कथित सट्टेबाज संजीव चावला के प्रत्यर्पण को सोमवार को मंजूरी दी थी जिसके बाद मामला मंत्री के पास गया था।
भारत सर्कार को इस तरह इस मामले में बड़ी जीत मिली है। हाल ही में शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को भी ब्रिटेन सरकार ने मंजूरी दे दी थी हालांकि उनके पास इस फैसले के खिलाफ अपील का वक्त होने के कारण अभी इस में समय लग सकता है।
चावला ने नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में कारागार की सुरक्षा स्थिति पर सवाल उठाते हुए अपने प्रत्यर्पण का विरोध किया था। हालांकि भारत सरकार के संतोषजनक सुरक्षा के आश्वासन को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उनके प्रत्यर्पण के हक़ में फैसला सुनाया था।
गौरतलब है कि वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने चावला (५०) के प्रत्यर्पण की अनुमति प्रदान कर दी थी। औपचारिक प्रत्यर्पण आदेश के लिए मामला गृह मंत्री साजिद जाविद के पास गया था जिन्होंने इसपर दस्तखत कर दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली में जन्मा कारोबारी चावला १९९६ में कारोबारी वीजा पर ब्रिटेन जाकर बस गया और भारत आता जाता रहता था। वर्ष २००० में अपना भारतीय पासपोर्ट रद्द होने के बाद चावला ने २००५ में ब्रिटिश पासपोर्ट हासिल कर लिया और अब वह ब्रिटिश नागरिक है।
वो २०१७ में खुद को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मामला जीत गया था। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में मामले में उससे पूछताछ जरूरी है, लेकिन तिहाड़ जेल में रखे जाने के दौरान उसके मानवाधिकार के संबंध में कोई गारंटी नहीं दी गई। हालांकि सोमवार को चावला के प्रत्यर्पण के खिलाफ निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा कि वह तिहाड़ जेल में कारगार की सुरक्षा की स्थिति के संबंध में दिए गए आश्वासन पर भरोसा करता है।