अपने मुरीदों में ”प्रिंस आफ कोलकाता” और ”दादा” नाम से मशहूर स्टार क्रिकेटर सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष होंगे। प्रशासन और क्रिकेट दोनों का ख़ासा अनुभव रखने वाले सौरव का कार्यकाल करीब १० महीने हो सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र जय शाह बीसीसीआई के नए सचिव हो सकते हैं।
”तहलका’ की जानकारी के मुताबिक नए अध्यक्ष के चुनाव की बैठक में जमकर राजनीति हुई और दो गुटों के बीच खूब रस्साकशी देखने को मिली। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके अनुराग ठाकुर सौरव के साथ थे और अंतता उन्हें सफलता मिली और सौरव का अध्यक्ष बनना तय हो गया।
दूसरे गुट के साथ बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवास थे। श्रीनिवास और अनुराग को बीसीसीआई की राजनीति में पुराना प्रतिद्वंदी माना जाता है और इस बार भी जीत अनुराग के हाथ लगी। सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवास पूर्व क्रिकेटर बृजेश पटेल के लिए लॉबिंग कर रहे थे। पटेल को अध्यक्ष बना पाने में असफल रहे श्रीनिवास हालांकि बाद में उन्हें आईपीएल का चेयरमैन पद दिलाने में सफल रहे हैं। अभी तक कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला आईपीएल के चेयरमैन हैं।
गांगुली इस समय बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। क्रिकेट में कप्तान के तौर पर वे बड़े बदलाव लाने वाले खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने अपने नेतृत्व में खिलाड़ियों में किलर इंस्टिंक्ट को भरा और उन्हें जीत की घुट्टी पिलाई। उन्हें प्रशासन का भी अच्छा ख़ासा अनुभव है।
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) के अध्यक्ष अरुण धूमल नए कोषाध्यक्ष होंगे जो अनुराग ठाकुर के छोटे भाई हैं। रविवार को मुंबई में बीसीसीआई का अध्यक्ष चुन्नने के लिए जो बैठक हुई थी उसमें खूब राजनीति हुई। लेकिन अंत में अनुराग ठाकुर गुट को जीत मिली। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जब श्रीनिवास गुट को हार का एहसास हुआ तो आम सहमति से वे गांगुली को अध्यक्ष बनाने के लिए तैयार हो गए। बृजेश पटेल को आईपीएल का चैयरमैन बनाने पर सहमति बनी।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि देश के ताकतवर गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र जय शाह भी अब क्रिकेट की राजनीति में कूद गए हैं और दुनिया की सबसे धनी और ताकतवर क्रिकेट संस्था बीसीसीआई में वे सचिव हो सकते हैं। अनुराग ठाकुर जैसे मजबूत लोग इस पद पर रहे हैं।
यह माना जाता है कि श्रीनिवास ने शाह से मुलाकात कर बृजेश पटेल के रास्ता निकलने की कोशिश की थी लेकिन अनुराग ज्यादा चतुर निकले। वैसे खुद गांगुली भी शाह से मिले थे। हालांकि बैठक में गांगुली पटेल पर भारी पड़े।
सौरव के बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने से बोर्ड की कार्यप्रणाली में परिवर्तन देखने को मिल सकता है। बतौर कप्तान भी गांगुली प्रयोगधर्मी रहे थे। युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, ज़हीर खान जैसे खिलाड़ी दादा के कप्तान रहते ही टॉप पर पहुंचे।
सौरव गांगुली की सबसे यादगार तस्वीर लॉर्ड्स में २००२ की है जब नेटवेस्ट ट्रॉफी भारत ने जीते थी। लॉर्ड्स की बालकनी में बतौर कप्तान उनका टीशर्ट लहराना आज भी खिलाड़ियों को रोमांचित कर देता है। खिलाड़ी तो खैर इससे प्रेरणा लेते ही हैं।
आज धोनी और विराट के ज़माने की पीढ़ी भले गांगुली के योगदान को उतना बेहतर न जानती हो सच यह है कि यह गांगुली ही थे जिन्होंने भारतीय खिलाड़ियों को जीत का चस्का लगाया।
वे २००० से २००५ तक भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रहे इस दौरान भारतीय टीम ने खेले कुल ४९ टेस्ट में २१ में जीत दर्ज की और हारे। उनसे पहले जीत का इतना बेहतर अनुपात किसी और कप्तान का नहीं था। गांगुली जब वनडे के कप्तान बने उस समय टीम स्कैंडल के जाल में उलझी थी। सीनियर खिलाड़ी स्कैंडल में फंसे थे। गांगुली ने कुछ १४७ वनडे मैच में भारत की कप्तानी की और ७६ में भारत को जीत दिलाई। उनका जीत औसत ५४ फीसदी रहा। यही नहीं सौरव की ही कप्तानी में भारतीय टीम वर्ल्डकप के फाइनल तक पहुँची।
वनडे में सौरव ने न सिर्फ ३११ मैच खेलकर ११ हजार से ज्यादा रन बनाये बल्कि १०० विकेट भी लिए। कई सफल पारियां खेलकर भारत को जीत दिलाई। बतौर ओपनर वे सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी के साथी थे लेकिन बहुत से देशों के गेंदबाजों ने माना है कि वे गांगुली से ज्यादा खौफ खाते थे।
सौरव के रेकार्ड –
इस महान खिलाड़ी ने ११३ टेस्ट खेलकर ७,२१२ रन बनाये जबकि ३११ वनडे में ११,३६३ रन बनाये। टेस्ट में गांगुली ने १६ शतक और ३५ अर्धशतक मारे जबकि वनडे में २२ शतक और ७२ अर्धशतक बनाये। टेस्ट में उनका उच्चतम स्कोर २३९ रहा जबकि वनडे में १८३ रन। टेस्ट में ३२ विकेट लेने वाले सौरव ने वनडे में पूरे १०० विकेट भी लिए हैं जो उनकी काबिलियत को दर्शाता है।