जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में एक बार फिर विवाद हो गया है। इस बार जेएनयू में हुए विवाद का कारण बीबीसी की बैन डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ है और इसे लेकर कैंपस में बखेड़ा खड़ा हो गया है और दिल्ली पुलिस के पास तीन शिकायतें दर्ज हुई हैं। दो शिकायत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दी है। और एक शिकायत जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान पथराव किए जाने के दावों के साथ जेएनयू के छात्रों ने वसंत कुंज थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। और थाने के बाहर जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) की अध्यक्ष आइशी घोष ने मीडिया से बातचीत कर बताया कि हमने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई हैं।
आइशी घोष ने कहा है कि, अभी उसने प्रारंभिक शिकायत दी है वह विस्तार से लिखित शिकायत बुधवार दोपहर बाद देगी। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जेएनयू में पत्थरबाजी हुई होती तो किसी को चोट लगती। इस मामले में किसी की एमएलसी नहीं बनी है, दिल्ली पुलिस जेएनयू के बाहर तैनात है और स्थिति को नियंत्रण में रखा हुआ हैं।
इस मामले में आइसा के एक छात्र की एमएलसी हुई है जो कि पुलिस को मिल गई हैं। एमएलसी में छात्र को कोई अंदरूनी चोट नहीं लगने की बात कही गयी है। पुलिस ने शिकायतें ले ली है और पूरे मामले की जांच जारी हैं।
आपको बता दें, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की घोषणा की थी। और आरोप है कि इस दौरान छात्रसंघ कार्यालय में बिजली काट दी गई और पथराव हुआ।
इसके बाद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव के मामले में छात्रों ने शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने तक मार्च किया। बीबीसी की ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री सीरीज गुजरात दंगों पर आधारित है। जब नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पीएम मोदी की आलोचना वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर नए आईटी नियमों के तहत प्रतिबंध लगाया है और इस डॉक्यूमेंट्री पर शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश दिया था। जेएनयू प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अगर डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।