बीजेपी द्वारा महाराष्ट्र मे सरकार बनाने से इनकार करने के बाद महाराष्ट्र में सत्ता बनाने को लेकर चल रहे घमासान ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब यह कहा जा सकता है कि गेंद शिवसेना के पाले में है। बीजेपी के बाद शिवसेना सेकंड लार्जेस्ट पार्टी है जिसे गवर्नर सत्ता स्थापना के लिए न्योता दे सकते हैं। अब शिवसेना को अपने उस दावे को सच साबित करना पड़ेगा जिसमें उसने अब तक उसके पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त विधायक होने की बात की है।
अब शिवसेना को सत्ता काबिज करने के लिए एनसीपी और कांग्रेस की मदद लेनी होगी। सारा दारोमदार एनसीपी और कांग्रेस पर ही है। हालांकि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार बार-बार यह कह चुके हैं कि उन्हें जनादेश विपक्ष में बैठने के लिए मिलाा है और वे इस जनादेश का आदर करेंगे। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण शर्त्त एनसीपी ने शिवसेेेन को समर्थन देने के लिए रखी कि शिवसेना बीजेपी से अपने संबंध तोड़ दे । वहीं पर आईडियोलॉजिकल डिफरेंसेस के चलते कॉन्ग्रेस शिवसेना को समर्थन देने में हिचक रही है। शिवसेना को समर्थन देने के मसले पर कांग्रेसमें दो धड़े हैं एक शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में और दूसरा उसके विरोध में।
बीजेपी द्वारा सरकार न बनाने का ऐलान करने के पहले बीजेपी के आला लीडरान ने एक मीटिंग ली केयरटेकर चीफ मिनिस्टर के निवास स्थान वर्षा में।
इस मीटिंग के बाद महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात की गई और उन्हें सूचित किया गया कि बीजेपी सरकार नहीं बनाना चाहती है और शिवसेना चाहे तो एनसीपी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकती है इस मीटिंग में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अमित शाह भी शामिल हुए।
हालांकि इसके बाद भी वर्षा में बीजेपी की कोर टीम की मीटिंग चल रही है इस मीटिंग का एजेंडा फिलहाल बताया नहीं गया है।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी के इंकार के बाद शिवसेना के खेमे में भी गतिविधियां तेज हो गई है। शिवसेना नेता उद्धव से मिलने उनके निवास स्थान मातोश्री में पहुंचे। अगली मीटिंग रिट्रीट होटल में होने जा रही है रिट्रीट होटल में कल से जूनियर ठाकरे यानी आदित्य ठाकरे जमे हुए हैं इसी होटल में हॉर्स ट्रेडिंग के डर से शिवसेना ने अपने एमएलएस को ठहराया है।