बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार की शपथ के बीच विपक्षी महागठबंधन के 21 प्रत्याशी चुनाव नतीजों को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। बिहार में महागठबंधन के नेता आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के निर्देश पर यह फैसला किया गया है। इस बीच बिहार में मिली हार के बाद आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी के कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर दिए ब्यान को आरजेडी ने ख़ारिज कर दिया है और कहा है कि यह पार्टी का ब्यान नहीं है।
तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि आरजेडी नतीजों में धांधली वाले मामले में पूरी ताकत के साथ खड़ी है और कोर्ट जाने वाले प्रयत्यशियों की हरसंभव मदद करेगी। इन 21 प्रत्याशियों में से सबसे ज्यादा आरजेडी के उम्मीदवार हैं। आरजेडी के 14, सीपीआई माले के 3, सीपीआई के 1 और कांग्रेस पार्टी के 3 उम्मीदवार कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
भाजपा और जेडीयू के भी तकरीबन एक दर्जन उम्मीदवार एक हजार से कम अंतर से हारे हैं। ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बेशक बहुमत नहीं मिला हो, लेकिन आरजेडी नेताओं ने अभी तक सरकार बनाने की आस नहीं छोड़ी है। आरजेडी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा के ट्वीट भी इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं।
वैसे सबसे कम अंतर से ज्यादा सीटों पर आरजेडी उम्मीदवारों की जीत हुई है, लिहाजा महागठबंधन के प्रत्याशियों के कोर्ट जाने के बाद एनडीए, खासकर कम अंतर से हारने वाले भाजपा प्रत्याशियों के कोर्ट जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हिलसा से आरजेडी प्रत्याशी शक्ति सिंह यादव मात्र 12 वोटों से जेडीयू उम्मीदवार से हार गए थे। भोरे विधानसभा सीट से जेडीयू के सुनील कुमार ने सीपीआई (माले) उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को 462 वोट से पराजित किया था। बेगूसराय के बछवाड़ा विधानसभा सीट पर भाजपा के सुरेंद्र मेहता ने सीपीआई के अवधेश कुमार राय को 484 मतों के कम अंतर से हराया था। चकाई विधानसभा सीट से निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने आरजेडी के सावित्री देवी को 581 मतों के कम अंतर से हराया। सुमित कुमार सिंह एनडीए को समर्थन दे चुके हैं।
बता दें मतगणना के दिन भी महागठबंधन उम्मीदवार ईवीएम में पड़े वोट और वीवीपीएटी की पर्ची में मिलान पर जोर दे रहे थे। मतगणना के 40 दिन तक वीवीपीएटी और ईवीएम का डाटा संभाल कर रखा जाता है।
उधर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी के राहुल गांधी को लेकर दिए ब्यान के बाद सख्त विरोध जताने के बाद आरजेडी ने तिवारी के बयान से पल्ला झाड़ लिया है और कहा कि पार्टी का इस बयान से कुछ लेना देना नहीं। उधर कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि राजद शिवानंद तिवारी पर लगाम लगाए और कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर उनका ब्यान हमें स्वीकार नहीं।