बिहार के मुज्जफरपुर जिले में पिछले करीब सात दिन में चमकी बुखार नामक रोग से ३२ बच्चों की मौत हो गयी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले २४ घंटों में ही सात बच्चों की मौत हुई है। अब मंगलवार को सरकार ने विशेषज्ञों की एक टीम इलाके में भेजी है।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह इलाका हर साल इस रोग से अपने दर्जनों बच्चों को खो देता है। सरकार की तरफ से कोइ ठोस उपाए नहीं किया जा सके हैं। जानकारी के मुताबिक बिहार सरकार ने मंगलवार को विशेषज्ञों की एक टीम इलाके में भेजी है ताकि रोग का निदान निकाला जा सके।
स्वास्थ्य विभाग हरसाल रोग की खबर के बाद जागता है फिर वही ढाक के तीन पात। हर साल यहाँ बच्चों की बड़े पैमाने पर मौत हो जाती है। यह इलाका उत्तर बिहार में पड़ता है। मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में चमकी और तेज बुखार बच्चों पर कहर बनकर टूटता है।
एक तरह से यह बुखार इलाके में महामारी का रूप ले चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को ही करीब ११-१२ घंटे के अंतराल में एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पतालों में २४ गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए भर्ती किया गया। हालांकि इनमें से तीन बच्चों की जान अब तक जा चुकी है। यह भी बताया गया है कि कुछ बच्चों को जब अस्पताल लाया गया था उनकी मौत हो चुकी थी।
चमकी बुखार से पीड़ित करीब ८२ बच्चों को एक हफ्ते के भीतर पॉज़िटिव पाया गया है। करीब ५५ मरीजों का एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने इनमें से ३५ मरीजों में हाइपोग्लेसिमिया होने की पुष्टि की है। दो से सात जून तक दस लोगों की ही मौत की पुष्टि विभाग ने की है। मुख्या सचिव एसपी सिंह के मुताबिक कन्फर्म रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी वे दे रहे हैं।
उधर एसकेएमसीएच की दोनों पीआईसीयू फुल हो हैं। तीसरी पीआईसीयू को खोलने की कवायद शुरू हो गयी है। गंभीर मरीजों को भी कतार में खड़े होकर पीआईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है।
बिहार में चमकी बुखार से ३२ बच्चों की मौत
एक हफ्ते में कई अन्य विमार, सरकार ने मुजफ्फरपुर भेजी विशेषज्ञ टीम