एक तरफ़ जहाँ देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं बिहार में इस ख़तरनाक महामारी के नये मामलों में कमी आ रही है। हालाँकि बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अब बिहार पहुँचने लगे हैं। लेकिन बिहार में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए घर-घर की जा रही स्क्रीनिंग के नतीजे सामने आने से यह बात पता चली है कि संक्रमण के मामले पहले की अपेक्षा कम सामने आये हैं। सूत्रों के अनुसार, बीते छ: दिनों में कोरोना वायरस के नये मामलों दर पहले की अपेक्षा कम हुई है। हालाँकि ऐसा नहीं है कि बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण के नये मामले सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन इनका प्रतिशत घटा है। पिछले 24 घंटे में अप्रवासी लोगों से अधिक स्थानीय लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं। पिछले 23 घंटे में पूर्णिया में एक और मधुबनी में एक नये मरीज़ के मिलने की सूचना है। बिहार के 32 ज़िलों में अब तक कुल मरीज़ों की संख्या 537 हो चुकी है।
बिहार सरकार के अनुसार, राज्य में अब तक 8.20 करोड़ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। स्क्रीनिंग में पता चला है कि संदिग्ध लोग सर्दी-खाँसी से ज़्यादा पीड़ित मिले हैं। ये वे लोग हैं, जो राज्य से बाहर नहीं गये। वहीं दूसरे राज्यों से बिहार वापस आ रहे लोगों को लेकर बिहार सरकार में चिंता है। अभी तक बाहरी राज्यों से लौट रहे 412 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण मिल चुके हैं। जबकि विदेश से लौटे 38 लोग पॉजिटिव मिले हैं। बाक़ी लोग इनके सम्पर्क में आने से कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। हालाँकि कुछ के पॉजिटिव होने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अभी तक क़रीब एक करोड़ से अधिक घरों में की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें राज्य में ही रहने वाले 3,299 लोग सर्दी-खाँसी से पीड़ित मिले हैं। बिहार में अब तक क़रीब 80487 सैंपल्स की जाँच की जा चुकी है। 6 मई को 464 नये सैंपल जाँच के लिए भेजे गये हैं।
बिहार सरकार का कहना है कि वह कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर हर तरह की पूरी कोशिश कर रही है। आमतौर पर लोग भी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।