विधानसभा चुनाव से ऐन पहले लालू की पार्टी राजद नेता की खुलेआम बदमाशों की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार के पूर्णिया जिले में अनुसूचित जाति के नेता की हत्या के मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव समेत 6 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किये जाने के बाद सियासत गरमा गई है।
केहाट थाना इलाके में रविवार सुबह नकाबपोश अपराधियों ने दलित नेता शक्ति मलिक की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने बताया कि मामले में मृतक की पत्नी की शिकायत पर तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव समेत 6 लोगों के खिलाफ केहाट थाने में एफआईआर दर्ज करने की पुष्टि की है।
तेजस्वी पर शक्ति ने लगाए थे आरोप
इससे पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें शक्ति मलिक ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे। बताया गया कि शक्ति मलिक एक निदर्लीय उम्मीदवार के रूप में रानीगंज विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। वीडियो में मलिक ने दावा किया था कि तेजस्वी यादव समेत पार्टी के अन्य नेता कथित तौर पर टिकट के बदले 50 लाख रुपये की मांग की, जातिगत टिप्पणी करने के अलावा उनसे अपनी जान का खतरा तक बताया था।
दिल्चस्प ये है कि बिहार में सत्ताधारी जेडीयू के साथ ही राजद ने भी मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। राजद का कहना है चुनाव से पहले दिग्गज नेताओं की संलिप्तता बताकर सत्ताधारी सियासी फायदा उठाना चाह रहे है। मामले की जांच कोई भी एजेंसी कर ले पर जल्द से जल्द करे। चुनावी दौर में वीडियो, ऑडियो और आरोप-प्रत्यारोप कर सिलसिला फिलहाल देखने सुनने को न मिले ऐसा संभव नहीं है।