बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गयी है। कोरोना काल में देश का पहला बड़ा चुनाव होने जा रहा है। बताते चले बिहार चुनाव की तारीखें का ऐलान जरूर आज हुआ है, पर सियासत का बाजार एक सप्ताह पहले से ही गर्म था । बिहार भवन से लेकर भाजपा और कांग्रेस के साथ -साथ लोकजनशक्ति पार्टी पासवान के निवास के बाहर, बिहार के नेताओं का जमावड़ा देखा गया है।
चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टूबर , 3 नवम्बर और 7 नवम्बर को समपंन्न होने है । चुनाव परिणाम 10 नवम्बर को घोषित किये जायेगे। बिहार कांग्रेस के नेता आलोक रंजन का कहना है कि इस बार का चुनाव पूरे देश की राजनीति की एक नयी दिशा तय करेगा। क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने जनता के साथ छल किया है। सिर्फ स्वार्थ की राजनाति की है। क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस और लालू यादव (राजद)की पार्टी के साथ गठबंधन किया था। चुनाव भी जीते , सरकार भी चलाई फिर अचानक बाद में भाजपा के साथ सरकार बना ली । इस बार जनता सबक सिखाकर नीतिश को घर पर बैठाएगी। लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ता विनोद कुमार ने बताया कि इस बार का चुनाव बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। उनका कहना है कि चुनाव परिणाम 10 नवम्बर को आने है और 14 नवम्बर को दीपावली का पर्व है। चुनाव परिणाम के साथ ही यहां झूठ बोलने वाले नेताओं का दीपावली के पहले ही दिवाला निकलेगा। नेता रोहित सिंह का कहना है कि बिहार चुनाव के रास्ते ही देश की राजनीति में बदलाव आयेगा । क्योंकि किसानों की, केन्द्र सरकार से बड़ी नाराजगी है। महगांई बढ़ रही है। कोरोना बे –काबू है। ये गरम मुद्दे ही नीतिश कुमार का राज सिंघासन बदल सकते है।