बिहार में सरकार का गठन हुए अभी हफ्ता भी नहीं हुआ है कि उसके एक मंत्री का गुरूवार को इस्तीफा हो गया। चार दिन पहले शिक्षा मंत्री की शपथ लेने वाले मेवा लाल चौधरी ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया है। विपक्षी महागठबंधन के नेता लगातार नीतीश सरकार की मेवालाल को लेकर आलोचना कर रहे थे।
बता दें बुधवार शाम मेवालाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे। मेवालाल बुधवार सुबह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से भी मिले थे। बिहार सरकार में जदयू कोटे से मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाये जाने को लेकर मुख्य विपक्षी दल राजद सहित विभिन्न दलों ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा था और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी।
याद रहे मेवालाल को पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पार्टी से निलंबित भी किया गया था। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में आरोपी चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम और लूटने की खुली छूट प्रदान की है? तेजस्वी यादव ने ट्वीट में कहा था – ‘भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगोड़े आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया। कुर्सी की ख़ातिर अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।’
राजद नेता ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में भारतीय दंड संहित की धारा 409,420,467, 468,471 और 120ब के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम और लूटने की खुली छूट प्रदान की है?
अब मेवालाल के इस्तीफे के बाद भाजपा-जदयू गठबंधन को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा है। लगातार राजद आकार पर मेवालाल को लेकर हमले कर रहे थे।