विपक्ष की लगातार मांग के बाद आखिर बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने अपने पद से बुधवार शाम इस्तीफा दे दिया। बालिका गृह यौनशोषण मामले में उनका और पति चंद्रेश्वर वर्मा का नाम आने के बाद विपक्ष जोरदार तरीके से उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था।
मंजू वर्मा ने बुधवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें इस्तीफा सौंप दिया है। सीबीआइ की चल रही जांच में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के कॉल डिटेल्स खंगालने के बाद ये सामने आया था कि मंजू वर्मा की ब्रजेश से बात होती थी। मंत्री ने खुद मंगलवार को ये स्वीकार किया था कि उनकी बालिका गृह मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से बात होती थी हालांकि उनका दावा था कि उनकी बात सिर्फ विभागीय मामलों से सम्बंधित होती थी। मंजू ने कहा था कि कभी कभार उनके पति भी कॉल रिसीव कर लिया करते थे।
गौरतलब है कि ब्रजेश ठाकुर के मोबाइल फोन के सीडीआर से खुलासा हुआ था कि जनवरी से अब तक मंजू वर्मा से ब्रजेश ठाकुर की 17 बार बात हुई है। इस बीच जेडीयू ने मंजू के इस्तीफे पर कहा है कि उनने आधार पर इस्तीफा दिया है। खुलासे के बाद से ही मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले को लेकर बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा पर इस्तीफे का दवाब बन रहा था और विपक्ष लगातार इसकी मांग कर रहा था।
मुख्यमंत्री नीतीश ने सोमवार को कहा था कि किसी को अकारण जिम्मेदार ठहराकर इस्तीफ़ा कैसे लिया जा सकता है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि अगर कुछ भी साक्ष्य सामने आता है तो वो इस्तीफ़ा लेने में देर नहीं करेंगे। अब आखिर मंजू का इस्तीफा हो ही गया।