भले ही दिल्ली- एनसीआर में कोरोना के मामले कम हो रहे हो, इसका मतलब ये नहीं है कि जनमानस मुंह में मास्क लगाना और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना बंद कर दें। मौजूदा समय में बाज़ारों में भीड़ है। वहां पर लोग मुंह पर मास्क लगाने वाले कम दिखते है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी ना के बराबर होता है। तामाम अध्ययन के बाद कोरोना को लेकर इस बात पर आशंका जताई जा रही है कि अगर लोगों ने लापरवाही बरती तो कोरोना को फैलने से कोई नहीं रोक सकता है।
मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि कोरोना को लेकर लोगों के बीच ये भ्रम है कि कोरोना चला गया है। जबकि सच्चाई तो ये है कि कोरोना देश के कई राज्यों में है। कालरा अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ अंकित कालरा का कहना है कि जिनका प्रतिरोधक क्षमता कम है और हार्ट रोग जैसी बीमारी के साथ दमा, बी पी और शुगर की बीमारी है उनको सावधानी बरतनी चाहिये।
डाँ अंकित का कहना है कि कोरोना सितम्बर और अक्टूबर में आ सकता है तो कम से कम अभी हमें सावधानी बरती होगी, क्योंकि अभी गया नहीं है।