एक बड़े हादसे में राजस्थान में राम कथा के दौरान पंडाल गिरने और करंट लगने से १५ लोगों की मौत हो गयी है। घटना बाड़मेर की जहाँ रामकथा चल रही थी, लेकिन अचानक हुई बारिश और तेज तूफान आने से पंडाल गिर गया जिससे बिजली का करंट लगने से १५ लोगों की जान चली गयी।
जानकारी के मुताबिक ४३ लोग घायल हुए जिनमें कुछ की हालत गंभीर है। हादसा तब हुआ जब पंडाल के नीचे काफी संख्या में लोग मौजूद थे और रामकथा चल रही थी। बारिश से पंडाल में करंट फैल गया।
पंडाल गिरने से वहां भगदड़ मच गई और लोग चिलाने लगे। बारिश के चलते पंडाल के आसपास काफी पानी जमा हो गया और बिजली की तारों से करंट फ़ैल गया। इससे से १५ लोगों की जान चली गयी और कई घायल भी हुए हैं।
अभी भी राहत कार्या चल रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया है और मृतकों के परिजनों से दुःख जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट से परिजनों से संवेदना जताई है।
पंडाल में दबे लोगों को निकाला गया है जिनमें कई घायल हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक ज्यादातर लोगों की मौत करंट और डैम घुटने से हुई है। मुख्यमंत्री गहलोत के मुताबिक स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत और बचाव का कार्य किया जा रहा है। ”संबंधित अधिकारियों को हादसे की जांच करने, घायलों का शीघ्र उपचार सुनिश्चित करने और प्रभावितों और उनके परिजनों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।”
जानकारी के मुताबिक ४३ लोग घायल हुए जिनमें कुछ की हालत गंभीर है। हादसा तब हुआ जब पंडाल के नीचे काफी संख्या में लोग मौजूद थे और रामकथा चल रही थी। बारिश से पंडाल में करंट फैल गया।
पंडाल गिरने से वहां भगदड़ मच गई और लोग चिलाने लगे। बारिश के चलते पंडाल के आसपास काफी पानी जमा हो गया और बिजली की तारों से करंट फ़ैल गया। इससे से १५ लोगों की जान चली गयी और कई घायल भी हुए हैं।
अभी भी राहत कार्या चल रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया है और मृतकों के परिजनों से दुःख जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट से परिजनों से संवेदना जताई है।
पंडाल में दबे लोगों को निकाला गया है जिनमें कई घायल हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक ज्यादातर लोगों की मौत करंट और डैम घुटने से हुई है। मुख्यमंत्री गहलोत के मुताबिक स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत और बचाव का कार्य किया जा रहा है। ”संबंधित अधिकारियों को हादसे की जांच करने, घायलों का शीघ्र उपचार सुनिश्चित करने और प्रभावितों और उनके परिजनों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।”