योगगुरु बाबा रामदेव, जिन्होंने शुक्रवार को शाहीन बाग जाने की बात कही थी, उन्हें आज वहां जाने की अनुमति नहीं मिली है। रामदेव वहां धरने पर बैठी महिलाओं, बच्चों और अन्य लोगों से मिलना चाहते थे।
पुलिस ने शनिवार को कहा कि बाबा रामदेव को शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में जाने की इजाजत नहीं दी दी गयी है। पुलिस के इनकार के बाद पतंजलि के प्रवक्ता ने कहा कि रामदेव हालांकि शाहीन बाग जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन वो तभी जाएंगे जब पुलिस से इसकी इजाजत मिल जाएगी।
योगगुरु ने शुक्रवार को एक टीवी कार्यक्रम में कहा था कि वे शनिवार को शाहीन बाग जाएंगे और धरने पर बैठी महिलाओं की बात सुनेंगे और फिर पीएम मोदी और उनके लोगों से मिलकर उन्हें इसके बारे में बताएंगे। ामदेव ने कहा था – ”मैं किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं जा रहा हूं और न ही किसी का बिचौलिया हूं।”
रामदेव का कहना था कि वे हिन्दू-मुस्लिम के बीच भाईचारे के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने कहा था कि इस देश में जितना हिन्दू को रहने का अधिकार है, उतना ही मुस्लिमों को भी है। योग गुरु ने कहा था – ”उन्हें डर क्यों है? देश में काल्पनिक भय तैयार किया जा रहा है। आजादी संविधान और न्याय पर आधारित होनी चाहिए। मुझे जिन्ना वाली आजादी नहीं चाहिए, महात्मा गांधी और भगत सिंह वाली आजादी चाहिए। पिछले एक-दो महीनों से लग रहा है कि हिन्दुस्तान में सभी प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं। मैं आंदोलनों का पक्ष लेने वाला व्यक्ति हूं। आंदोलन करना लोगों का अधिकार है।”