बांग्लादेश के डॉक्टरों ने किया कोरोना की दवा बनाने का दावा

भारत में जहां संक्रमितों की तादाद एक लाख के करीब पहुंच चुकी है, वहीं पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में भी इसके मामलों में तेजी से इजाफा दर्ज किया जा रहा है। इस बीच, पड़ाेस से एक अच्छी खबर आई है। वहां स्थानीय स्तर पर बनाई गई दवा का कोरोना वायरस के मरीजों में सकारात्मक परिणाम मिले हैं। बांग्लादेश में 22 हजार से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 238लोगों की मौत हो चुकी है।
बांग्लादेशी डॉक्टरों की एक टीम ने कोरोना वायरस संक्रमण की दवा बनाने का दावा किया है। टीम के दावे के मुताबिक, दो दवाओं को मिलाकर ऐसा एंटीडॉट तैयार किया है, जिसके परिणाम मरीजों पर चौंकाने वाले मिले हैं। शोधकर्ता और बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद तारिक आलम का कहना है कि हमने कोरोना के 60 मरीजों पर दवा का इस्तेमाल किया है और परिणाम सकारात्मक मिले हैं। जिन मरीजों को दो दवाओं के एंटीडॉट का मिश्रण दिया गया, वे मरीज महज कुछ दिनों में ही ठीक होकर अपने घर पहुंच गए।
बांग्लादेश के जाने-माने विशेषज्ञ प्रोफेसर तारिक के मुताबिक, जानवरों में कीड़े मारने वाली दवा आईवरमेक्टिन के सिंगल डोज के साथ एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन को मिलाकर एंटीडॉट तैयार किया गया। उन्होंने बताया कि उनकी टीम कोरोना के मरीजों को यही दोनों दवाएं दे रही है। अस्पताल में भर्ती होने वाले अधिकतर ऐसे मरीज थे जिनको सांस लेने में तकलीफ थी और उनकी कोरोना वायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
महज चार दिन में ठीक हो गए मरीज
प्रोफेसर तारिक की मानों तो यह दवा बेहद कारगर है। संक्रमित मरीजों को इसे देने के 4 दिन बाद ही पीड़ित ठीक हो गए साथ ही दवा का कोई साइड इफेक्ट भी मरीजों में देखने को नहीं मिला। ठीक हो चुके सभी मरीजों पर अभी भी नजर रखी जा रही है।  हम सरकार से सम्पर्क करके इस इलाज को अंतररष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा रिसर्च को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भी प्रकाशित करया जाएगा।