फरवरी की तेरह तारीख को भाजपा नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोलहवीं लोकसभा में अपना विदाई भाषण दिया। उन्होंने देश की 125 करोड़ की जनता का धन्यवाद दिया। जिसने उनकी पार्टी को पूरा बहुमत दिया जिसके कारण यह सरकार देश में सबका साथ लेते हुए सबका विकास कर सकी। उन्होंने कहा कि देश की रक्षामंत्री, विदेश मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष भी महिलाएं है जिन्होंने देश की कीर्ति बढ़ाई। उन्होंने एक नया आयाम अपने कार्यकाल में दिया है। इस सदन में सबसे ज़्यादा महिलाएं जीत कर आईं।
प्रधानमंत्री अपने विदा भाषण में भी कांग्रेस पर व्यंग्य करने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि बड़ा सुना था भूकंप आने वाला है। लेकिन भूकंप नहीं आया (दरअसल राहुल गांधी ने 16 दिसंबर को अपने भाषण में कहा था कि इससे भूकंप आ जाएगा)। मोदी ने कहा, पहली बार पता चला मुझे कि गले मिलना और गले पडऩे का अलग-अलग अर्थ होता है।
उनका इशारा था कि पिछली जुलाई में राहुल गांधी लोकसभा में उनके गले लगे थे। उन्होंने आंखों की गुस्ताखी पर भी कटाक्ष किया। (उनका संदर्भ था कि राहुल गांधी ने गले मिलने के बाद आंख मारी थी।)
अपनी सरकार की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने अनेक उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि उनकी पूर्ण बहुमत की सरकार में ऊर्जा, ग्लोबल वार्मिक, पेट्रोलियम, अंतरिक्ष में खासा विकास कार्य किया। अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा उपग्रह छोड़े। अपनी विदेश नीति की उपलब्धि गिनाते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह बांग्ला देश के साथ भूमि विवाद का निपटारा हुआ। रोहिंग्या शरणर्थी, शत्रु देश की संपत्ति आदि पर भी उचित फैसले हुए। पूरी दुनिया मे ंभारत का डंका पिटा। योग को कबूल किया गया। महात्मा गांधी की डेढ़ सौंवी जयंती पर दुनिया के सवा सौ गायकों से वैष्णव जन तो तेरे कहियो, पीर पराई जाने दे’। देश में 26 जनवरी की परेड में विभिन्न राज्यों ने महात्मा गांधी के विभिन्न रूपों की झलकियां दिखाई। यह कितना आकर्षक था। इसी सरकार ने संविधान दिवस, अंबडेकर दिवस मनाया। काले धान पर विधेयक, भ्रष्टाचार पर विधेयक, भगोडे लोगों को वापस देश में लाने, उन पर विधेयक चलाने का कानून बना। जीएसटी को ऐतिहासिक तौर पर लागू किया आधार को इतनी बड़ी आबादी के लिए उपयोगी और अनिवार्य किया। इसी सरकार ने सामाजिक न्याय पर विधेयक और उच्च वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण का विधेयक पास किया। ओबीसी के लिए आयोग भी बना। बेमतलब के 1400 ये ज़्यादा कानून खत्म किए। सिलसिला अभी जारी है।
सदन ने बुजुर्ग अनुभवी सांसदों के प्रति भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आभार जतााया। उन्होंने आडवाणी, मल्लिाकार्जुन खडग़े और मुलायम सिंह यादव के प्रति अपना सम्मान जताया। उन्होंने कहा कि इन्होंने सदन की स्वस्थ लोकतांत्रिक गरिमा बनाए रखी। मैं इनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।