भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिवसीय भूटान दौरे के अंतिम दिन रविवार को ”द रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान” के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ऐतिहासिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है।
इससे पहले, भारत और भूटान ने अंतरिक्ष, विज्ञान, इंजीनियरिंग, न्यायिक और संचार सहित दस क्षेत्रों में सहयोग के करारों पर हस्ताक्षर किये गए। भूटान यात्रा पर गये पीएम मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय शेरिंग के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में निदेशक और भूटान के सूचना और संचार मंत्रालय में निदेशक ने हस्ताक्षर किये। इससे भूटान को संचार, लोक प्रसारण और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मदद मिलेगी। भूटान की जरूरत के अनुसार अतिरिक्त बैंडविड्थ और ट्रांसपोंडर भी उपलब्ध कराया जायेगा।
नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में सहयोग के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय में महानिदेशक अरविंद हांडा और भूटान के सूचना और संचार मंत्रालय में कार्यकारी सचिव पेम्बा वांगचुक ने हस्ताक्षर किये। शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत में नेशनल नॉलेज नेटवर्क के परियोजना निदेशक आर एस मणि और भूटान के संचार मंत्रालय के निदेशक जिग्मे तेंजिन ने हस्ताक्षर किये।
अपने दौरे के अंतिम दिन रविवार सुबह पीएम मोदी ने ”द रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान” के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा – ”मैं आज भूटान के भविष्य के साथ हूं। भारत और भूटान के साथ ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में काम कर रहा है लेकिन सबसे बड़ी ऊर्जा दोनों देशों के बीच संबंध और यहां के लोग हैं।”
मोदी ने कहा कि भारत में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य क्षेत्र की सेवा आयुष्मान भारत है, जो करीब ५०० मिलियन भारतीयों को स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कराता है। भारत में सबसे ज्यादा सस्ता डेटा है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर लाखों लोगों को सशक्त बनाता है।
भूटान और भारत के रिश्तों पर पीएम ने कहा – ‘भूटान और भारत के लोग स्वभाविक तौर पर एक दूसरे के साथ अपनापन का भाव महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सिर्फ भौगोलिक तौर पर ही हम एक दूसरे के करीब नहीं है। बल्कि, हमारा इतिहास, संस्कृति और पारंपरिक रीति रिवाज यहां के लोगों और दोनों देशों के बीच एक दूसरे के संबंधों में प्रगाढ़ता लाता है।”