पराली के जलायें जाने से दिल्ली में हर साल की तरह प्रदूषण का कहर लोगों की जिंदगी में जहर घोलने का काम करने लगा है। लोगों का कहना है कि सरकार के दावे हर साल खोखलें साबित हो रहे है।
तहलका संवाददाता को दिल्ली वासियों ने बताया कि प्रदूषण और कोरोना के बढ़ते प्रकोप से वैसे ही जनमानस परेशान है। ऐसे में कोरोना काल में प्रदूषण लोगों की जिंदगी में कहीं कोई अनहोनी ना कर दें उसका भय लोगों में है। वहीं दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि हर साल की तरह प्रदूषण को काबू पाने के लिये आँड- ईवन पर विचार किया जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो प्रदूषण से तो राहत मिल सकती है। एडवोकेट पीयूष जैन का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम तब की जाती है जब प्रदूषण पूरी तरह से अपने पैर पसारकर लोगों को बीमार करने लगता है। ऐसे में सरकार को समय से पहले ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, अन्यथा दिल्ली तो वैसे ही कोरोना के कारण सहमी हुई है। और बीमार हालत में अगर प्रदूषण का प्रकोप ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में और दिक्कत हो सकती है।