महाराष्ट्र में मौसमी सर्दी के बढ़ने के साथ-साथ राजनीतिक दलों के गठबंधनों में गर्मी बढ़ने लगी है। बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन को लेकर बात करें तो शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के भव्य स्मारक के लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपए की निधि मंजूर कर यह साफ करने की कोशिश की है कि वह शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। बुधवार को महापौर बंगले में शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस के बीच चाय पर चर्चा हुई। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया कि दोनों के बीच बंद कमरे में क्या बातचीत हुई लेकिन चर्चा है दोनों पार्टियों के बीच कड़वाहट कम हो सकती है। भले ही बीजेपी के सीनियर लीडर चंद्रकांत पाटील ने यह कहकर कि शिवसेना- बीजेपी एलायंस की घोषणा कभी भी हो सकती है माहौल को अनुकूल बनाने की कोशिश की लेकिन शिवसेना के स्पोक्सपर्सन संजय राउत ने यह कहकर कि शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने का लड़ने का ऐलान कर चुकी है और पार्टी इस तैयारी में लगी हुई है ,इस चर्चा को विराम देने की कोशिश की है। बावजूद इसके उद्धव और फड़नीस के बीच चाय पर चर्चा के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं। और जब तक उद्धव ठाकरे इस बाबत कुछ नहीं कहते हैं सिर्फ कयास लगाए जा सकते हैं।
बढ़ती सर्दी में शिवसेना -बीजेपी के बीच गरमा गरम चाय पर चर्चा
सूत्रों की माने शिवसेना चाहती है कि विधानसभा इलेक्शन में में सीटों के बंटवारे बराबर बराबर हों और लोकसभा इलेक्शन के लिए बंटवारे का फलसफा 2014 की तरह ही रखा जाए। दरअसल बीजेपी के प्रति लोगों के मन में बढ़ती नाराजगी और सर्वे की रिपोर्ट के चलते अब बीजेपी के सुर नरम होते नजर आ रहे हैं। एबीपी न्यूज़ चैनल और सी वोटर के सर्वे में सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के साथ साथ महाराष्ट्र में भी बीजेपी की जीत को मुश्किल बताया है।