कोरोना ने जब 2020 मार्च में दस्तक दी थी, तब देश में कोरोना के मामले मार्च महीनें में ही 5 सौ से भी कम थे। सरकार ने कोरोना के कहर को देखते हुये ही 22 मार्च को एक दिवसीय लाँकडाउन का ऐलान किया था ताल-थाली और मोमबत्ती जला कर लोगों को जागरूक भी किया था।फिर बाद में 24 मार्च को संपूर्ण लाँकडाउन का ऐलान किया था। तब लोगों ने कड़ाई से लाँकडाउन का पालन भी किया था।
लेकिन ठीक एक साल बाद 22 मार्च 2021 में कोरोना के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे है। देश के कई राज्यों के कई जिलों में लाँकडाउन भी लगा है। पर कोरोना के गाइड लाईन का पालन करने वाले कम ही देखे जा रहे है। दिल्ली में सरकार भले ही बिना मास्क वालों का 2 हजार का चालान काट रही है। फिर भी मास्क ना लगाने वालों की संख्या कम ही देखी जा रही है।
इंडियन हार्ट फांउडेशन के अध्यक्ष डाँ आर एन कालरा ने बताया कि देश में कोरोना का कहर बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को कोरोना गाईड लाईन का पालन करना होगा। अन्य़था देश में कोरोना का कहर लोगों के जीवन में तबाही ला सकता है।मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि कोरोना का कहर जिस गति से बढ़ रहा है। उससे बचाव के तौर पर हमें तब ही घर से निकलना है जब बहुत जरूरी हो।
हार्ट और अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को समय –समय अपने हेल्थ का चैकअप कराना चाहिये। मुंह पर मास्क लगाना चाहिये। अगर बुखार और सर्दी –जुकाम जैसे लक्षण हो तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिये।क्योंकि कोरोना का इलाज है।