जैसे–तैसे दिल्ली में स्कूल खुले थे। बच्चे स्कूल जाने भी लगे थे। लेकिन दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप के चलते दिल्ली में स्कूलों को बंद करना पड़ा।
बताते चलें दिल्ली में गत 20 माह से कोरोना महामारी के चलते स्कूल पूरी तरह से स्कूल बंद थे। लेकिन शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिये दिल्ली सरकार ने 1 नवम्बर से स्कूलों को खोलने की अनुमति दी थी स्कूल भी खुले थे लेकिन मुश्किल से 8 नवम्बर तक ही स्कूल खुल पाये थे।
दीपावली में पटाखों की वजह से और पराली के धुएं से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का कहर बढ़ा जिसके चलते वायु स्कूली बच्चो के स्वास्थ्य को देखते हुये दिल्ली सरकार ने फिर से स्कूल बंद करने की घोषणा की है। स्कूलों के बंद होने से स्कूली बच्चो की पढ़ाई पर खासा असर पढ़ रहा है।
दिल्ली अभिभावक संघ के प्रधान धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि, जब देश में सारी संस्थायें लगातार खुर रही है। तो स्कूलों को बंद करने का क्या मतलब है। वैसे भी आँनलाईन पढ़ाई के चलते बच्चों के स्वास्थ्य पर और आंखों पर खासा असर पड़ रहा है। उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की है कि पहले तो बच्चो की फीस कम की जाये और स्कूल को खोलने के लिये शीघ्र ही आदेश निकाला जाये ताकि बच्चो की पढ़ाई बाधित ना हो।
दिल्ली के प्राईवेट स्कूल वालों का कहना है कि वायु प्रदूषण का असर जो घरों पर बच्चो पर पड़ रहा है। वहीं स्कूलों पर पड़ता। इस लिये सरकार को बच्चो की बाधित पड़ी पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रखने के लिये जल्दी ही स्कूल खोलने की अनुमति देनी चाहिये। ताकि बच्चे आँफ लाईन पढ़ाई कर सकें।