सपने में भी उम्मीद नहीं थी कि शादी-ब्याह के मौके पर गाया जाने वाले इस महिला लोक संगीत पर ऑस्कर भी मिल जाएगा। कहती है खाटिका खेड़ा की महिलाएं। हापुड़ जिले के खटिक खेड़ा गांव की महिलाएं खासी लय में हैं। पूरे गांव में जश्न का माहौल है हर घर ढोलकी ही नहीं बल्कि थाली, कटोरी और चम्मच बजाते हुए मदिुम आवाज़ बच्चे-बच्चियां ‘बंसी बजा के मना लेंगे’ अब गाते सुनाई दे रहे हैं। यहां के लोकप्रिय विवाह गीतों का विभिन्न स्वर लहरियों मेें बनी फिल्म को विश्व प्रसिद्ध ‘ऑस्कर अवार्ड-2019’ से नवाजा गया है। यह गीत एक छोटी सी कहानी पर बनी डाक्यूमेंटरी फिल्म ‘पीरियड, एंड ऑफ सेंटेंस’ में है। यह फिल्म गांव खटिकाखेड़ा में ही ‘शूट’ हुई है। पूरी फिल्म बच्चियों व महिलाओं के मासिक स्राव से जुड़ी मान्यताओं और चलन के विरोध में स्वास्थ्य के लिए उपयोगी प्रयासों पर केंद्रित है। सस्ता सेनिटरी नैपकिन बनाने का काम यहां सात महिलाओं ने एक स्वयं सेवी संगठन ‘एक्शन इंडिया’ से मिल कर शुरू किया था। तब इन सबको अपने ही घरों में झिड़कियां, डांट फटकार सुननी पड़ती थीं। तमाम विरोध के बावजूद यहां सबला ‘महिला उद्योग’ के तहत तंवर परिवार रोज छह सौ सैनिटरी नैपकिन तैयार करता है। इससे बढ़ रही किशोरियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई, खेलकूद आदि में काफी सहजता होती है।
‘पीरियड, एंड ऑफ सेंटेंस’ डाक्यूमेंटरी फिल्म उत्तर भारत के उन गांवों-जि़लों-शहरों की कहानी हैं जहां आज भी युवा हो रही बच्चियों और महिलाओं में मासिक स्राव को लेकर तरह-तरह की कुंठाए और मान्यताएं प्रचलित हैं। इस विषय पर फिल्म बनाई सिख्या एंटरटेनमेंट की गुणीत मोंगा और एक्जक्यूटिव प्रोडयूसर मंदाकिनी कक्कड़ ने। इन लोगों को और इनकी टीम को ‘बेस्ट डाक्यूमेंटरी अवार्ड’ से ऑस्कर-2019 से पुरस्कृत किया गया है।
लॉस एंजेलिस में रविवार (24 फरवरी) को 91वां ऑस्कर अवार्ड समारोह अपने पूरे ताम-झाम से मनाया गया। इसमें दुनिया भर के नामी अदाकार और उनकी फिल्में भी थीं। इसी समारोह के डाक्यूमेंटरी सेक्शन मे चुनी गई फिल्म थी ‘पीरियड, एंड ऑफ सेंटेंस’। इस फिल्म को चुने जाने से उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गांव खटिकाखेड़ा की महिलाएं और पुरु ष भी खासे उत्साहित है। इस फिल्म की जीत में वे भी भागीदार बने हैं।