पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री पद के मजबूत चेहरे की कमी झेल रही भाजपा के सामने एक और संकट आ गया है। वहां टीएमसी से आने वाले नेताओं को टिकट के मामले में पहले से भाजपा में काम कर रहे नेताओं पर तरजीह देने से गुस्सा भड़क गया है। दो बड़े नेताओं सोवन चट्टोपाध्याय और बैसाखी बंदोपाध्याय ने जहाँ दो दिन पहले इसी कारण भाजपा छोड़ दी थी वहीं दूसरे लोगों को टिकट देने के विरोध में हुगली जिले में, तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए रबींद्रनाथ भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाने पर कार्यकर्ताओं ने भारी नाराजगी जताई और तोड़फोड़ की।
बंगाल के कई हिस्सों में चुनाव से ऐन पहले भाजपा के पुराने नेताओं को दरकिनार कर हाल में भाजपा का दामन थामने वाले लोगों को टिकट देने से पार्टी में बगावत शुरू हो गयी है। टिकट बंटवारे को लेकर बंगाल में कई जगह विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ देखने को मिली है। सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी को अलीपुरद्वार सीट से उम्मीदवार बनाने और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा में आए बिशाल लामा को कालचिनी से उतारने का उत्तर बंगाल में विरोध हो रहा है और स्थानीय नेता सड़कों पर उतर आए हैं।
हुगली जिले में, टीएमसी से भाजपा में आये रबींद्रनाथ भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाने पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताते हुए तोड़फोड़ की है। श्यामपुर से तनुश्री चक्रवर्ती को टिकट दिया गया है, जो हाल में भाजपा में आई हैं जबकि हावड़ा जिले की पंचला सीट से मोहितलाल घाटी को टिकट मिलने पर नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की है। कई जिला स्तरीय नेताओं ने टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें तीन दिन पहले ही कई दशक से बेहाला पूर्व सीट का प्रतिधित्व कर रहे टीएमसी से भाजपा में आये सोवन चट्टोपाध्याय टिकट न मिलने से नाराज होकर इस्तीफा दे चुके हैं जबकि एक और बड़ी नेता भाजपा में शामिल हुईं बैसाखी बंदोपाध्याय ने भी टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ दी। इस तरह भाजपा में पुराने नेताओं और पार्टी का हाल ही में दामन थामने वालों के बीच तकरार चरम पर पहुँच गयी है और इसका नतीजों पर असर पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।