पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ निर्वाचन आयोग का रुख सख्त होता जा रहा है। चुनाव आयोग की एक पूरी टीम पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील कुमार अरोड़ा ने कहा कि आयोग चुनाव में धनबल और बाहुबल के साथ सरकारी उपक्रमों का गलत प्रयोग बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। आचार संहिता लागू होते ही हिंसा की आशंका में मोटरसाइकिल रैली की इजाज़त नहीं होगी। इसके अलावा राज्य की ग्रीन पुलिस की ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जाएगी।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस बार के चुनाव में कोई नागरिक पुलिस स्वंयसेवकों की तैनाती नहीं होगी। सियासी हिंसा के सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सभी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है और सभी की समीक्षा चल रही है। हिंसक वारदात पर उन्होंने कहा कि हम कई कड़े फैसले लेंगे और आचार संहिता लागू होने के बाद कई और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने तृणमृल कांग्रेस द्वारा बीएसएफ पर लोगों को भगवा पार्टी को वोट देने का दबाव बनाने के आरोप पर कहा कि ऐसा आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है। बीएसएफ ने भी इस आरोप को बेबुनियाद और सच्चाई से परे बताया है। सीईसी ने कहा, किसी पर कोई दबाव नहीं होगा, सब यूएई पारदर्शिता के साथबकाम करेंगे। उन्होंने बीएसएफ की तारीफ भी की।
अप्रैल-मई में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग की टीम स्थानीय नेताओं, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों से बैठक कर रही है। सीईसी ने बताया कि राज्य में सभी तरह की सुविधाओं से लैस कुल 1,01,790 पोलिंग बूथ होंगे। इसमें दिव्यांगों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है।