सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर हो रही हिंसा और केंद्रीय बलो की तैनाती मामले में सुनवाई कर बंगाल सरकार पर सख्त टिपण्णी कर कहा कि चुनाव कराना हैं, हिंसा का लाइसेंस नहीं हैं। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव जमीनी स्तर के लोकतंत्र की पहचान हैं। हिंसा के माहौल में चुनाव नहीं कराया जा सकता। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित किए जाने चहिए।
वही राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि, हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी निष्पक्ष चुनाव कराना हैं। हम प्रयाप्त बल मुहैया करा रहे है। जो इलाके संवेदनशील नहीं है या हिंसा का सामना नहीं कर रहे हैं इन इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात करना और अधिक समस्याएं पैदा करेगा। बीते चुनाव में तैनात हुई सीआरपीएफ ने भीड़ पर फायरिंग की थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती आपकी जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए एक सहायता हैं हमे नहीं लगता की हाई कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों के संबंध में आपको कोई भी शिकायत हो सकती है। हम हाई कोर्ट से आदेश में की गई टिपाणियो को हटाने के लिए कह सकते है आप गैर संवेदनशील क्षेत्रों में भी निश्चिंत रह सकते हैं की स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाए।
आपको बता दें, कोलकाता हाई कोर्ट ने 48 घंटे में प्रत्येक जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलो की तैनाती का आदेश दिया था। इसके खिलाफ निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।