महाराष्ट्र के सबसे बड़े सहकारी बैंक पीएमसी बैंक पर आरबीआई की लगाई गई पाबंदियों का मामला अभी पूरी तरह थमा भी नहीं था, कि कर्नाटक की राजधानी से ऐसा ही एक और मामला सामने आ गया है। बंगलोर के एक सहकारी बैंक पर अब केंद्रीय बैंक ने तत्काल प्रभाव से कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। निजी क्षेत्र का यह बैंक अगले छह महीने तक आरबीआई की अनुमति के बिना कोई नया कर्ज भी नहीं दे सकता है। साथ ही बिना अनुमति वह इस दौरान कोई निवेश भी नहीं कर सकता है। इसी तरह की पाबंदियां महाराष्ट्र के पीएमसी बैंक पर भी लगाई गई थीं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक पर ये अंकुश लगाए हैं। इससे जमाकर्ताओं का बेचैन होना लाजिमी है। आरबीआई की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि अब इस बैंक से कोई भी खाताधारक अधिकतम 35000 रुपये ही निकाल सकेगा। इसके अलावा भी कुछ और पाबंदियां लगाई गई हैं।
देश में बैंकों की हालत पहले से ही खस्ता चल रही है। अर्थव्यवस्था में भी काफी सुस्ती छाई हुई है। इन सबके बीच अगर देश के बैंक जिन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था का रीढ़ कहा जाता है, क्योंकि बैंकों से ही पैसों और कर्ज का लेन-देन होता है। अगर बैंक ही दिवालिया होने के कगार पर पहुंचने लगें या इनमें इतनी अनिमिततता बरती गई हो कि उन बैंकों को बंद करने की नौबत आ जाए तो यह भविष्य के लिए अच्छे संकेत तो नहीं कहे जा सकते।
बंगलोर के सहकारी बैंक पर पाबंदियों के मामले में भाजपा के सांसद तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि ‘मैं श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को आश्वासन दिलाता हूं कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बाबत अवगत करा दिया गया है और वह स्वयं इस मुद्दे की निगरानी कर रही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सभी खाताधारकों के हितों की रक्षा करेगी। वित्त मंत्री की ओर से जताई गई इस चिंता के लिए आभारी हूं।’