एक ओर तो कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुये सरकार स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर रही है, जो पिछले साल फरवरी 2020 से बंद है। यानि कि खुले तक नहीं थे उनको बंद करने की बात कर रही है। वहीं एक साल से अधिक समय से बंद चिड़िया घर को खोलकर कोरोना के बढ़ने का मौका दे रही है।
तहलका संवाददाता को जानकारों ने बताया कि अजीब विडंबना है कि दिल्ली में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है। स्कूलों सहित तामाम संस्थानों को बंद किया जा रहा है। ताकि कोरोना की बढ़ती रफ्तार को रोका जा सकें। 1 अप्रैल से चिडिया घर खुलने से हजारों लोगों की भीड़ जिसमें बच्चें शामिल है। वे चिड़िया घर के बाहर और अंदर देखे गये। भले ही चिड़िया घर प्रशासन ने कोरोना गाइड लाइन को सख्ती से पालन करने की बात कर रही है, चिडिया घर प्रशासन से जुड़े अधिकारी ने तहलका को बताया कि अगर चिड़िया घर में हर रोज बच्चें, युवा और बुजुर्ग प्रतिदिन आयेगें तो, निश्चित तौर पर ना तो इंसानों के लिये ठीक होगा ना ही जानवरों के लिये।क्योंकि हजारों की भीड़ पर निगरानी रखने के लिये कर्मचारी नहीं है। उन्होंने बताया कि टिकट काउन्टर से लेकर चिड़िया घर में प्रवेश पाने तक तो कोरोना गाइड लाइन का पालन तो हो सकता है। क्योंकि प्रवेश के दौरान ही लोगों का मुंह में मास्क, सेनेटाईज करना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा सकता है। लेकिन चिड़िया घर के अंदर कोरोना गाइड लाईन का पालन मुश्किल हो सकता है।ऐसे में कोरोना के मामले बढ़ सकते है।चिड़िया घर में कार्यरत कर्मचारी बदला नाम मुकेश ने बताया कि चिड़िया घर में 50 प्रतिशत से अधिक लोग दिल्ली के बाहर के होते है। जो दिल्ली घूमने आते है। ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीज भी हो सकता है। ऐसे में सरकार को इस मामलें में पुनः विचार करना चाहिये ताकि कोरोना जैसी महामारी को रोका जा सकें।