हाल ही में पाकिस्तान में वहां के आर्मी चीफ के गले मिलने से देश भर में चर्चा में रहे पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को १९८८ में पंजाब के पटियाला में रोड रेज केस (गैर इरादतन हत्या) में सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फिर से परीक्षण करने का फैसला किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सिद्धू के खिलाफ इस मामले पर फिर से परीक्षण करने का फैसला किया है।
सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला इस फैसले पर एक याचिकाकर्ता की पुनर्विचार याचिका पर आया है और वह सजा पर विचार करने को तैयार हो गया है। कोर्ट ने सिद्धू को इस मामले में नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि इसी साल १५ मई को सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस जे चेलामेश्वर की बेंच ने सिद्धू को एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि गुरनाम सिंह की मौत के लिए सिद्धू को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। वैसे यह मामला 30 साल पुराना यानी १९८८ का है। कोर्ट ने कहा था कि सिद्धू की गुरनाम से कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी। घटना में कोई हथियार भी इस्तेमाल नहीं हुआ था। बेंच ने कहा था कि इस आधार पर हम मानते हैं कि एक हजार रुपये का जुर्माना न्याय देने के लिए ठीक होगा।
अब सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने इस मामले में उपरोक्त निर्देश जारी किया है। जाहिर है राजनितिक रूप से इससे सिद्धू के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।