नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश में उग्र प्रदर्शनों के दौरान शुक्रवार को ६ लोगों की मौत हो गयी है। यूपी के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) ने इसकी पुष्टि की है।
डीजीपी के मुताबिक यूपी में शुक्रवार को ६ लोगों की मौत हो गयी। उन्होंने दावा किया कि यह लोग पुलिस की गोली से नहीं मारे गए हैं। हालाँकि, रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ज्यादातर लोगों की मौत गोली लगने से हुई है। बिजनौर में २ लोगों की मौत हुई है। इसके आलावा फिरोजाबाद, मेरठ और कानपुर में भी लोगों की जान गयी है। कई लोग घायल हुए हैं और उनमें कुछ की हालत गंभीर है।
कानपुर और बिजनौर में गोली लगने से ११ लोग घायल हो गए हैं जिनमें ८ अकेले कानपुर में हैं। इसकी हालत गंभीर बताई गयी है।
कई जगह हिंसा हुई है और दिल्ली गेट के पास देर शाम वाहन में आग लगाने की भी खबर है। कई प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए हैं। यूपी के फिरोजाबाद में फायरिंग से एक व्यक्ति की मौत की खबर है जबकि कानपुर और बिजनौर में गोली लगने से ११ लोग घायल हुए हैं जिनमें ८ की हालत गंभीर है। मुरादाबाद, सीतापुर, बहराइच, बिजनौर और गोरखपुर में भी लोग सड़कों पर उतरे हैं जबकि फिरोजाबाद में पुलिस चौकी फूंक डाली गयी। दिल्ली में दोपहर तक प्रदर्शन शांत रहने के बाद शाम को प्रदर्शन उग्र हो गए। शाम के वक्त पुलिस पर पथराव और गाड़ियों में आगजनी हुई है।
दिल्ली में ६ मेट्रो स्टेशन बंद करने पड़े हैं।
उधर यूपी के २० जिलों में इंटरनेट बंद है और अभी तक हिंसा के बाद गुजरात में करीब ८ हजार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। उत्तर प्रदेश में उग्र प्रदर्शन हुए हैं। उत्तर प्रदेश के २० जिलों में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई है। फिरोजाबाद में फायरिंग के दौरान गोली लगने से युवक की मौत हो गई जबकि कानपुर में ८ और बिजनौर में तीन लोग गोली लगने से घायल हुए हैं।
दिल्ली में जामा मस्जिद इलाके में दिनभर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। लेकिन, शाम के वक्त प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और आगजनी की। दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में धारा १४४ लागू कर दी गई है। केरल के ४ जिलों में हाईअलर्ट जारी किया गया है। मध्य प्रदेश में भी मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। उधर मुंबई, हैदराबाद और तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
असम और पूर्वोत्तर से शुरू हुए प्रदर्शन अब देश भर में फैल गए हैं। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक के राज्यों में लोग नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ सड़कों पर हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के कई बड़े शहरों में धारा १४४ लगा दी गई है। याद रहे गुरुवार को तीन लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे।
शुक्रवार को क़ानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली में लोग लगातार प्रदर्शन करते रहे। लोगों ने जामा मस्जिद के पास प्रदर्शन किया। अब देर शाम वहां आगजनी की घटनाएँ हुई हैं। वहां सुबह भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद को भी स्पॉट किया गया था। वे हाथों में संविधान की कॉपी लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
उधर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के कई जिले में प्रशासन ने धारा १४४ लगा दिया है। कानपुर में गोली से ८ लोगों के घायल होने की खबर है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इनकी हालत गंभीर है। संभल में पुलिस ने १७ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
वाराणसी और गोरखपुर में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला। गुरुवार को वहां प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी भी की थी। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आज भी लोग इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद कोलकाता में इस कानून के खिलाफ एक बड़ी रैली निकाली थी। अब उन्होंने कहा है कि उनके बयानों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि एक निष्पक्ष बॉडी से जांच की जानी चाहिए कि कितने लोग नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में हैं और कितने खिलाफ हैं।