फिट रहने के लिएव्यायाम ज़रूरी

स्वस्थ रहने के लिए संतुलित भोजन, नियमित रूप से व्यायाम तथा उचित आराम, इन तीनों का होना स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है। व्यक्ति की इस व्यस्ततम भागदौड़ की दिनचर्या में इनको शामिल कर व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ रह सकता है।

व्यक्ति के खान-पान तथा रहन-सहन में काफी परिवर्तन आ रहे हैं। आधुनिक युग में चिकित्सा जगत में काफी विकास के साथ-साथ हमारे रोगों में भी कमी आयी है। इसके बावजूद प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी चिन्तित रहता है, कारण इस अत्यधिक व्यस्त ज़िन्दगी में उसके सामने बड़ी समस्या है- समय का अभाव।

अगर हम अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हैं और समय निकाल सकें, तो कई बीमारियों से बचाव व उपचार का एक अनूठा साधन है- व्यायाम, जिसे अपनाकर आप रोगों से दूर सकते हैं। व्यायाम भी कई तरह के हैं। इन सबमें सबसे आसान व्यायाम तेज़ी से चलना यानी घूमना है। सप्ताह में पाँच दिन तेज़ गति से 20 मिनट तक चलना अथवा कम-से-कम 3 किलोमीटर की दूरी तय करनी चाहिए। व्यायाम से पहले अपने शरीर को पाँच मिनट तक गरम करने का अभ्यास भी ज़रूरी है। व्यायाम के बाद भी पाँच मिनट तक शरीर को पूर्ण आराम भी मिलना आवश्यक है। व्यायाम में साइकिल चलाना व तैराकी भी शामिल हैं; लेकिन कोई व्यायाम यकायक शुरू नहीं करना चाहिए। प्रारम्भ में धीरे-धीरे अभ्यास करके व्यायामों को सीखना चाहिए। ज़्यादा बल प्रयोग वाले व्यायामों से बचना चाहिए, जिन्हें हमारा शरीर आसानी से नहीं कर पा रहा हो। हृदय रोग से पीडि़त व्यक्ति के लिए भी तेज़ गति से घूमना लाभकारी होता है; लेकिन इससे पहले उन्हें अपने विशेषज्ञ से राय मशविरा कर टी.एम.टी. अवश्य करवा लेना चाहिए, ताकि पता चल सके कि उनका हृदय व्यायाम का बोझ सहने लायक है या नहीं।

व्यायाम करने से हमारे पूरे शरीर में रक्त प्रवाह बढऩे से स्फूर्ति व तंदुरुस्ती बनी रहती है। नियमित व्यायाम करने से हृदय रोगों से बचा जा सकता है। तेज़ चाल चलने से हमारे शरीर में फैली रक्तनलिकाओं को ताकत मिलती है। व्यायाम से शरीर व दिमाग दोनों स्वस्थ रहते हैं। रोज़ाना कसरत करने से मधुमेह, मोटापा, तनाव, डिप्रेशन व कब्ज़ इत्यादि रोगों से बचा जा सकता है।

रोज़ सुबह ताज़ा हवा में लम्बी साँसें लेने से फेफड़ों की क्रियाशीलता में वृद्धि होती है तथा रक्त शुद्धि की क्रिया अच्छी तरह से होती है। यह भी देखा जाता है कि मधुमेह के रोगी प्राय: अधिक मोटापे से भी पीडि़त होते हैं। रोज़ाना कसरत करने से व्यक्ति का वज़न भी कम होने लगता है। पेट की मांसपेशियों पर चर्बी जम जाने से ढीली और कमज़ोर पड़ जाती है; लेकिन नियमित व्यायाम से पुन: यह हमारे शरीर को मज़बूत करती है और पेट भी घटने लगता है। इससे पेट की आँतें सक्रिय हो उठती हैं। इस वजह से उनमें मल जमा नहीं होता और व्यक्ति कब्ज़ से बचा रहता है। व्यायाम करने से शरीर की मांसपेशियों व हड्डियों में भी मज़बूती आती है।

वैज्ञानिक अनुसंधानों से पता लगा है कि नियमित सैर-सपाटा करने से महिलाओं में भी हार्मोन्स नियमित रहते हैं। इससे कैंसर की आशंका कम रहती है। व्यायाम करने से पहले या बाद में कुछ सावधानियाँ बरतनी ज़रूरी हैं। खाने के बाद 2 घण्टे तक व्यायाम नहीं करना चाहिए। धूम्रपान के साथ-साथ व्यायाम नहीं करना चाहिए। हृदयरोगी तथा हर्निया के मरीज़ों को कसरत शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है। हम अपने स्वास्थ्य हेतु हज़ारों रुपयों की दवाइयाँ लेते हैं तथा डाइटिंग पर खर्च करते हैं। प्रतिदिन व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर बहुत-सी परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।

 (स्वास्थ्य दर्पण) अर्जुन सिंह बिष्ट