खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह को भले पुलिस अभी गिरफ्तार नहीं कर पाई हो, उसके चाचा और ड्राइवर ने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया है। अमृतपाल सिंह को पुलिस पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है और उसकी तलाश की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतपाल सिंह कथित तौर पर ड्रग रिहैब सेंटर और एक गुरुद्वारे का इस्तेमाल हथियार जमा करने और युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए तैयार करने के लिए कर रहा था।
इस बीच उसके चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत ने पंजाब के महतपुर में पुलिस के सामने समर्र्पण कर दिया है। शनिवार को पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके साथियों का पीछा किया था लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था। उसके कई साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
अमृतपाल सिंह का शनिवार को जब पुलिस पीछा कर रही थी उस समय उसके चाचा हरजीत सिंह मर्सिडीज चला रहे थे। हरजीत ने कहा कि 15-16 किलोमीटर पीछा करने के दौरान वह और अमृतपाल अलग हो गए थे। अमृतपाल के चार बड़े सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था किया था और उन्हें असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है।
अमृतपाल के गिरफ्तार सहयोगियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने अमृतपाल सिंह के 112 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 34 को रविवार को गिरफ्तार किया गया है। ‘वारिस पंजाब दे’ ग्रुप के कई सदस्यों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार किए लोगों में दलजीत सिंह कलसी भी शामिल है, जो अमृतपाल सिंह के फाइनेंस को संभालता है।
याद रहे पंजाब में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। पड़ोसी राज्य हरियाणा भी हाई अलर्ट पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतपाल सिंह ड्रग रिहैब सेंटर और एक गुरुद्वारे का इस्तेमाल हथियार जमा करने और युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए तैयार करने के लिए कर रहा था।