कांग्रेस आने वाले लोक सभा चुनाव के लिए ज्यादातर प्रत्याशियों का चयन फरवरी में ही कर लेगी। इसका फैसला दिल्ली में आज हुई बैठक में किया गया जिसमें महासचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी पहली बार शामिल हुईं। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष राहुल गांधी ने की। यह भी तय हुआ है कि ”अपरिहार्य मामलों” को छोड़कर बाहर से आने वालों को इस चुनाव में पार्टी टिकट न दिए जाएँ।
”तहलका” की जानकारी के मुताबिक इस बैठक में प्रण किया गया कि मोदी सरकार को हर हालत में उखाड़ फेंका जाएगा। जानकारी के मुताबिक बैठक में पार्टी ने उन ”इनपुट्स” पर गहराई से चर्चा की गयी जिसमें कहा गया है कि मोदी सरकार के प्रति जनता के मन में पिछले कुछ महीनों में सवाल खड़े हुए हैं। इन इनपुट्स में बताया गया है कि किसान, बेरोजगार और कुछ अन्य वर्ग मोदी सरकार से ज्यादा नाराज हैं और वे उसे दुबारा वोट नहीं देना चाहते।
माना जाता है कि कांग्रेस ने निजी एजेंसी के सर्वे से मिले इनपुट्स में से कुछ पर आज की बैठक में चर्चा की। इसमें एक यह भी था पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि लोक सभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा फरवरी में ही कर दी जाए और फिर उनपर फोकस कर प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी जाये।
इन इनपुट्स में कांग्रेस के लिए अच्छी खबर यह है कि प्रियंका गांधी के आने से पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह सातवें आसमान पर है और वे महसूस करते हैं कि राहुल-प्रियंका की जोड़ी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा को बड़ा झटका दे सकती है। जानकारी के मुताबिक कार्यकर्ता चाहते हैं कि प्रियंका यूपी में पूरा फोकस करें और देश के दूसरे राज्यों में भी प्रचार के लिए जाएँ। इसका बहुत लाभ हो सकता है।
कहा गया है कि तीन बड़े राज्यों में कांग्रेस की जीत के बाद देश में माहौल बदला है। इनपुट्स में कहा गया है कि राहुल के प्रति जनता में भरोसा बढ़ा है और वे उन्हें पीएम के रूप में गंभीरता से देखने लगे हैं। किसानों और बेरोजगारों को अगले चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत बताया गया है साथ ही यह भी कहा गया है कि दलितों और पिछड़ों में भी मोदी सरकार के प्रति नाराजगी है। और प्रियंका के आने के बाद ब्राह्मण भी यूपी सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस से जुड़ सकते हैं।
पार्टी के इनपुट्स के मुताबिक मुस्लिमों में यह सन्देश गया है कि देश भर में कांग्रेस उभार पर है और वे अपने वोट को बंटने न दें तो भाजपा को रोका जा सकता है।
आज की बैठक में तकरीबन सभी नेताओं ने सुझाव दिए जिनमें प्रियंका गांधी भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि राज्यों में सहयोगी दलों के साथ समझौते समय पर कर लिए जाएँ और जहाँ कांग्रेस की अपनी बड़ी संभावनाएं हैं वहां पूरी ताकत अपने बूते झोंक दी जाये। यूपी को लेकर कहा गया है कि वहां कांग्रेस का अपना बड़ा जनाधार अभी भी है और उसे पुनर्जीवित कर नतीजे पटल दिए जाने की क्षमता कांग्रेस में है।