देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। उन्हें आम राय से नेता चुना गया। इसके अब से कुछ देर पहले मुंबई में भाजपा विधायकों की बैठक हुई जिसमें उन्हें नेता चुना गया। इस बीच भाजपा नेता सुधीर मुंगन्टीबार ने बुधवार को कहा है कि कोइ कितना भी सोचे भाजपा की सरकार बनेगी। उनके मुताबिक शिव सेना को कुछ तत्व बरगला रहे हैं। यदि वे जायेंगे तो यह ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि वाली बात’ होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि फडणवीस ही सीम होंगे और शेर कभी घास नहीं खाता।
भाजपा बैठक में फडणवीस के नाम का सर्वसम्मत प्रस्ताव आया जिसमें पार्टी के सभी १०५ विधायकों ने उनके नाम का समर्थन किया। इस बैठक में पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी आना था लेकिन दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर उभरी जबरदस्त खटास के कारण उनका आना रद्द हो गया है। उधर एनसीपी और कांग्रेस विधायक दलों की भी आज बैठकें हैं। उधर शिव सेना की गुरूवार को १२ बजे बैठक बुलाई गयी है। आज पार्टी नेता संजय राउत आज उद्धव ठाकरे से मिले।
भाजपा और सहयोगी शिव सेना के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए मुंबई में बैठक हुई। पहले से तय था कि भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नेता चुना जाएगा। फडणवीस ने मंगलवार को ही यह ब्यान दिया था कि अगले पांच वर्षों के लिए वही मुख्यमंत्री रहेंगे। फडणवीस के इस ब्यान कि चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच हुई बैठक में वे खुद मौजूद नहीं थे, को तनाव को हल्का करने के दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
भाजपा के सांसद संजय काकड़े ने मंगलवार को चौंकाने वाला दावा कर शिव सेना को और नाराज कर दिया था। काकड़े ने दावा किया था कि शिवसेना के हाल में चुने गए ४५ विधायक सीएम फडणवीस के संपर्क में हैं और वह गठबंधन सरकार बनाना चाहते हैं।
शिव सेना के बीच ऐसे कुछ नेता हैं जो यह मानते हैं कि भाजपा जिस सीढ़ी से ऊपर चढ़ती है उसी को काटने की उसकी आदत है। कुछ राज्यों में ऐसा हुआ है।
महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल की आज होने वाली बैठक के लिए पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना को केंद्रीय प्रेक्षक बनाया है।
जानकारों के मुताबिक भाजपा आलाकमान किसी भी सूरत में शिव सेना को ऐसा मौका नहीं देना चाहती जिससे वो एनसीपी-कांग्रेस से मदद लेकर सरकार बनाये। इस तरह की रिपोर्ट्स हैं कि शिव सेना ऐसा कर सकती है। लिहाजा शिवसेना को ”खुश” करने के लिए भाजपा मोदी मंत्रिमंडल में शिव सेना को और मंत्री पद दे सकती है। साथ ही राज्य में उपमुख्यमंत्री पद के अलावा मंत्रियों की ज्यादा हिस्सेदारी की पेशकश कर सकती है।
भाजपा को पता है कि महाराष्ट्र में उसे (भाजपा) को दूसरे दलों की कोइ मदद नहीं मिलेगी जबकि उसे रोकने के लिए एनसीपी और कांग्रेस शिव असेना को समर्थन दे सकते हैं। भाजपा महाराष्ट्र में पूरी तरह शिव सेना पर निर्भर है और किसी भी सूरत में अपनी सरकार नहीं खोना चाहती।