महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल कोश्यारी से मिलकर फडणवीस ने अपना इस्तीफा अब से कुछ देर पहले करीब ४.३५ बजे दिया। राज्य में अब राष्ट्रपति शासन लगने की संभावना बढ़ गयी है। यह भी संभावना बन रही है कि शिव सेना एनडीए से बाहर आ जाए। इस्तीफे के बाद फडणवीस ने कहा कि भाजपा ने कभी भी शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ कोइ ब्यान नहीं दिया जबकि शिव सेना के कुछ नेताओं ने पीएम मोदी के बारे में ऐसी बातें कहीं जो हमारे विपक्षियों ने भी कभी नहीं कही।
महाराष्ट्र में भाजपा और शिव सेना के बीच सरकार बनाने और मुख्यमंत्री पद को लेकर चली खींचतान से अब तक वहां सरकार नहीं बन पाई है। शिव सेना की मांग है उनका मुख्यमंत्री बनाया जाए लेकिन भाजपा इसके लिए कतई तैयार नहीं थी। अब यह तय हो गया है कि भाजपा-शिव सेना पूरी तरह से एक-दूसरे के खिलाफ आ गए हैं। इस्तीफे के बाद फडणवीस की प्रेस कांफ्रेंस से यह जाहिर हो गया है। उन्होंने कहा – ”वो (शिव सेना नेता) जिस भाषा में बात करते हैं हम उससे भी खराब तरीके से जवाब दे सकते हैं लेकिन हम ऐसा नहीं करना चाहते।”
फडणवीस ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके नेतृत्व में पिछले पांच साल में सरकार ने महाराष्ट्र में बहुत काम किये हैं। उन्होंने तमाम लोगों का आभार भी जताया। फडणवीस ने कहा कि उन्होंने शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया था उन्होंने जवाब नहीं दिया। ”ऐसा लगता है कि वे (शिव सेना) हमारे साथ रिश्ते नहीं रखना चाहते थे।
फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री बनाने को लेकर ५०-५० के फार्मूले की कोइ बात ही नहीं हुई थी। सीएम ने कहा कि ने तमाम संकटों का बहादुरी से किया। सीम ने पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्षों अमित शाह और जेपी नड्डा के अलावा सूबे की जनता का भी आभार जताया।
पहले चर्चा थी कि शिव सेना एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन लेकर सरकार बनाएगी लेकिन अभी तक ऐसा दिख नहीं रहा जिससे संभावना बन रही है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग जायेगा।