शनिवार तड़के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार शाम एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अजित पवार के सरकार में शामिल होने से असमर्थता जताने के बाद हमारे पास बहुमत नहीं है। हम खरीद फरोख्त में भरोसा नहीं रखते। ”कुछ देर में मैं राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा देने जा रहा हूँ।”
उन्होंने कहा कि नई सरकार ‘तीन दिशाओं में चलने वाली सरकार” होगी और इससे महाराष्ट्र का नुक्सान होगा। फडणवीस ने कहा कि जनता ने भाजपा-शिव सेना महायुति को समर्थन दिया था हमारा स्ट्राइक रेट ज्यादा था। वो जनादेश गठबंधन को था। लेकिन हमने एक सरकार बनाने का प्रयास किया लेकिन शिव सेना ने देखा कि वो बार्गेनिंग कर सकती है। हमारा ढाई-ढाई साल के सीएम का कोइ समझौता नहीं हुआ था। उन्होंने हमें धमकी दी कि सीएम बनाओ नहीं तो हम किसी के भी साथ जा सकते हैं।
कहा कि शिव सेना वाले दूसरों से बात कर रहे थे। हम सबसे बड़े दल थे तो राज्यपाल ने हमें बुलाया। हमने नंबर नहीं होने के कारण मना कर दिया। फिर शिव सेना को बुलाया उन्होंने भी सरकार नहीं बना पाए। तीन अलग-अलग विचारधारा की पार्टियां एक छत के नीचे आ गईं ताकि भाजपा को सत्ता से बाहर रखा जा सके। वे कोइ निर्णय फिर भी नहीं ले पाए।
कहा कि हमने देखा कि कब तक राष्ट्रपति शासन रहेगा। हमें एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार से समर्थन का पत्र मिला आमने राज्यपाल को दिया और सरकार बनाने का दावा किया। उसके बाद कुछ घटनायें हुईं। अजित पवार ने आज कहा वे सरकार में शामिल नहीं हो सकते। हमारे पास अब बहुमत नहीं है। मैं राज्यपाल के पास जा रहा हूँ ताकि इस्तीफा दे सकूँ। नई सरकार जो बने उसको हमारी शुभकामनायें।
इससे दो घंटे पहले बड़े घटनाक्रम में भाजपा को बड़ा झटका देते हुए तीन दिन पहले उप मुख्यमनत्री पद की शपथ लेने वाले एनसीपी के बागी अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यह शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी खेमे की बड़ी जीत थी। अब संभवता कल होने वाला फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। देखना होगा कि राज्यपाल अब क्या फैसला लेते हैं। चर्चा है की वे शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बुलाएँगे। यदि कुछ उलटफेर हुआ तो वे राष्ट्रपति शासन या विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं हालांकि इससे देश भर में बबाल मच जाएगा। पहले ही सुप्रीम कोर्ट में मामला गया थाआज सुबह सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद शरद पवार, सुप्रिय सुले और अन्य वरिष्ठ एनसीपी नेता अजित पवार से मिले थे। सूत्रों के मुताबिक इसमें शरद पवार ने अजित पवार से साफ़ कह दिया था कि वे अकेले पड़ चुके हैं और और इस्तीफे के अलावा उनके पास कोइ चारा नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक शरद पवार ने कहा कि अजित पवार इस्तीफा दे देते हैं तो वे उन्हें माफ़ कर देंगे। इसके एक घंटे बाद ही अजित पवार के इस्तीफे की खबर आ गयी। इससे पहले राजनीतिक हलकों में बहुत उच्च स्तर पर यह चर्चा भी रही कि यह सारा तमाशा भाजपा को ‘एक्सपोस” करने के लिए गड़ा गया था। हालाँकि ऐसा पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता।
अजित पवार के बड़े समर्थक धनंजय मूंदे पहले ही शरद पवार से आ मिले थे। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार सुबह ही महाराष्ट्र में सरकार के मसले पर शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच ने आदेश दिया था कि २७ नवंबर को शाम ५ बजे से पहले फ्लोर टेस्ट किया जाये। प्रो-टीम स्पीकर विधायकों की शपथ करवाएं और फिर फ्लोर टेस्ट हो जिसका लाइव टेलेकास्ट हो। सीक्रेट बैलट नहीं होगा। पूरी कार्यवाही की वीडियो रेकार्डिंग के भी निर्देश सर्वोच्च अदालत ने दिए हैं।