मेघालय की कोयला खदान में पिछले १८ दिन से फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सेना ने शनिवार को बड़ा अभियान शुरू किया है। इन मजदूरों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना २० हाई प्रेशर पंप के साथ यहां पहुंची है। आशंका जताई जा रही है कि इन मजदूरों की ज़िंदगी खतरे में है क्योंकि खदान के भीतर से बदबू महसूस की गयी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बचाव दल को खदान स्थल से तीन हेलमेट मिले हैं। दुर्घटनास्थल पर जुटी एनडीआरएफ की टीम के असिस्टेंट कमांडर एसके सिंह ने बताया है कि मजदूरों को रेस्क्यू करने का काम लगातार जारी है। हालांकि १८ दिन गुजर गए हैं, लेकिन रेस्क्यू टीम को सफलता नहीं मिली है। सिंह ने बताया कि शुक्रवार को उनकी टीम के गोताखोर नीचे गए थे, लेकिन पानी का स्तर उतना ही है, जितना कि पहले था।
खदान में फंसे मजदूरों को निकालने में नौसेना की १५ दलीय टीम शनिवार से बचाव अभियान कर रही है। विशाखापत्तनम से गोताखोरों की टीम मेघालय की पूर्वी जयंतियां पहाड़ी के कासन गांव में करीब ३७० फुट के कोयला खदान में फंसे खनिकों को बाहर निकालने में मदद कर रही है।
ख़बरों में बताया गया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के मेघालय में २०१४ से अवैज्ञानिक और असुरक्षित कोयला खदानों पर प्रतिबंध के बावजूद खनन का अवैध कारोबार चल रहा है। पुलिस ने अवैध खदान चलाने के आरोप में लुमथारी के निवासी जेम्स सुखलेन पर मामला दर्ज किया है। फंसे मजदूरों में तीन लोग मेघालय जबकि बाकी असम के निवासी हैं।