बिहार के मुजफ्फरपुर में सात लोगों ने एक नाबालिग छात्रा की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि वह स्कूल न जाने की उनकी बात नहीं मान रही थी। आरोपी चाहते थे कि वह स्कूल जाना बंद कर दे लेकिन वह नहीं मानी तो उसे मौत के घाट उतार दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना सानपुरा गांव की है। पुलिस ने सात आरोपियों में से चार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन अभी भी फरार हैं। छात्रा आशा के भाई बबन राय ने आरोपियों के खिलाफ मोतीपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। बबन ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसे और उसकी पत्नी को अपने ही घर में कई घंटों तक बंधक बनाकर भी रखा।
जानकारी के मुताबिक जिस समुदाय की छात्र थी उसी समुदाय के आरोपी भी हैं और वे अपने बेटियों को मैट्रिक से आगे नहीं पड़ने देते। आशा इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही थी और आरोपी उसे अपनी पढ़ाई बंद करने के लिए कह रहे थे। आशा की जिद्द इन लोगों को नागवार गुजरी और उन्होंने उसकी ह्त्या कर डाली।
पुलिस को दिए ब्यान में भाई बब्बन ने बताया कि घटना के वक्त गांव में नहीं थे। राजन कुमार नाम के व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और उन्हें आशा की कथित आत्महत्या कर लेने की सूचना दी। बबन का आरोप है कि जैसे ही वह अपने घर पहुंचे, उन्होंने देखा कि आशा का शव कमरे में पड़ा है। वहां मौजूद सात ग्रामीणों ने उन्हें बंदूक की नोक पर धमकी दी और आशा का जबरन दाह संस्कार करने को कहा। पुलिस के मुताबिक इस मामले में सात लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है जिनमें से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों की पूछताछ के आधार पर अगली कार्रवाई होगी।