वरिष्ठ वकील और सामजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मिली सजा को लेकर सोमवार शाम कहा कि वे फैसला मान रहे हैं, लेकिन उनके पास अपने कानूनी अधिकारों के इस्तेमाल का विकल्प खुला है। उन्होंने कहा कि वे न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और एक रूपये का जुर्माना खुशी-खुशी भरेंगे।
सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने आज ही उनको यह सजा सुनाई है। प्रशांत भूषण ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा – ”मैं यह फैसला मान रहा हूं लेकिन अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए चुनौती जरूर दूंगा। मुझे दोषी करार देने और सजा देने दोनों फैसलों को चुनौती दूंगा। हर भारतीय मजबूत न्यायपालिका चाहता है, न्यायपालिका कमजोर हो तो देश और लोकतंत्र कमजोर होता है।”
भूषण ने कहा – ”मैं देश की जनता का धन्यवाद करना चाहता हूं कि जिन्होंने मेरे समर्थन में अभियान चलाया। मैंने पहले ही कहा था कि जो भी सजा मिलेगी उसे स्वीकार करूंगा, मुझे जेल जाने से दिक्कत नहीं है। याद रहे आज ही सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि अगर प्रशांत भूषण एक रुपया जमा नहीं करते हैं तो उनको तीन महीने की जेल हो सकती है और तीन साल तक प्रैक्टिस करने पर पाबंदी लगाई जा सकती है। आदेश के मुताबिक, प्रशांत भूषण को जुर्माने का एक रुपया 15 सितंबर तक जमा करना है।
प्रेस कांफ्रेंस में वरिष्ठ वकील भूषण ने कहा कि वो खुशी-खुशी जुर्माना भरने के लिए तैयार हैं। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा – ”एक जिम्मेदार नागरिक की तरह जुर्माना भरूंगा। मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करूँगा। मेरे हृदय में सुप्रीम कोर्ट के लिए पूरा सम्मान है।”
उन्होंने आज फिर कहा कि उनके ट्वीट्स का मकसद सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करना नहीं था, ये मुद्दा उनके या सुप्रीम कोर्ट और किसी जज के खिलाफ नहीं था। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिन लोगों ने मुझे समर्थन दिया, मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं। भूषण ने कहा – ”इस मामले के कारण एक बार फिर लोगों का ध्यान अभिव्यक्ति के अधिकार की ओर गया है। इस मामले में ये ऐतिहासिक साबित हुआ। उम्मीद है कि सत्य की जीत होगी।” प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ योगेंद्र यादव भी थे।