देश की आजादी मनाये जाने के ठीक एक दिन पहले सर्वोच्च अदालत ने अवमानना मामले में जाने-माने वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया है। प्रशांत ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे और चार पूर्व सीजेआई को लेकर ट्वीट किए थे। अब सजा पर 20 अगस्त को बहस होगी।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने प्रशांत भूषण के ट्वीट पर अवमानना मामले में फैसला सुनाया। पीठ ने कहा किजो आरोप हैं, वे गंभीर हैं। अदालत ने मामले को स्वत: संज्ञान लिया था।
अदालत ने प्रशांत भूषण के जिन दो ट्वीट्स को अवमानना माना। पहला ट्वीट 27 जून को और दूसरा 29 जून को लिखा गया था। उन्होंने पूर्व सीजेआई को लेकर खासकर चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका पर सवाल उठाए थे कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र को खत्म किया गया। इसके अलावा वर्तमान सीजेआई की कोरोना काल में 50 लाख की बाइक पर बैठे फोटो शेयर कर कमेंट लिखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ट्विटर इंडिया को भी तलब किया था और फटकार लगाई थी कि अवमानना की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी ट्वीट डिलीट क्यों नहीं किए गए? इस पर ट्विटर ने कहा था कि कोर्ट आदेश जारी करे तो ट्वीट डिलीट किया जा सकता है। कंपनी खुद से कोई ट्वीट डिलीट नहीं कर सकती।