इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री द्वारा महाभारत अनुभव केंद्र का अवलोकन भी किया जाएगा और इस महाभारत अनुभव केंद्र को देश व विदेश के पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। इसी परिसर में पंचजन्य का उदघाटन भी प्रधानमंत्री द्वारा किया जायेगा। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और महाआरती में भाग लेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने मानवता, धर्म और देश की रक्षा के लिए महान बलिदान दिया जिसे प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना आवश्यक है ताकि आने वाली पीढिय़ां इस प्रेरणादायक इतिहास से सीख ले सके।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शुक्रवार को कुरुक्षेत्र ज़िले के ज्योतिसर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक के. एम. पांडुरंग, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन, पर्यटन विभाग के निदेशक डा. शालीन, ओएसडी डॉ प्रभलीन सिंह ने कार्यक्रम स्थल और अनुभव केंद्र का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में चार पवित्र नगर कीर्तन यात्राएं निकाली जा रही है, जो हरियाणा के सभी जिलों से गुजरेंगी। इन यात्राओं का समापन 24 नवंबर को कुरुक्षेत्र में होगा, 25 नवंबर को श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी वर्ष पर कुरुक्षेत्र में समागम का आयोजन होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार भी गुरुओं और महापुरुषों की परंपरा, शिक्षा और त्याग को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती को बड़े सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाया और अब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष को भी बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरुओं के बलिदान और मानवता के लिए किए गए अतुलनीय योगदान को जन-जन तक पहुंचाना सरकार का संकल्प है ताकि आने वाली पीढिय़ां इन पावन प्रेरणाओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।



