जैसे-जैसे दिल्ली–एनसीआर में वायु प्रदूषण का कहर बढ़ रहा है। वैसे–वैसे सर्दी भी बढ़ रही है। ऐसे में हार्ट रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि सर्दी के मौसम में उच्च रक्त चाप बढ़ने की शिकायत आम तौर पर होती है।
वहीं प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है। ये जानकारी दिल्ली सरकार के स्टेट प्रोगाम आँफीसर(एनसीसीएचएच) व जी बी पंत अस्पताल के एडिशनल एम एस डाँ भरत सागर ने दी। उन्होंने बताया कि, प्रदूषित वातापरण में रहने से याददाश्त कमजोर होती है। चिड़चिड़ा पन आता है। साथ-साथ तामाम तरह की बीमारियां घेरने लगती है। इसलिये प्रदूषित वातावरण से बचें।
डाँ सागर का कहना है कि, तामाम शोधों से पता चला है कि प्रदूषण से शरीर का अंग डैमेज होता है। जिसमें आँखों में जलन और गलें में खंराच शामिल है। डाँ सागर का मानना है कि मौजूदा समय में दिल्ली–एनसीआर की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है। जिसके कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। इससे बचाव के तौर पर हमें सावधानी अपनानी के लिये गुनगुन पानी का सेवन करना चाहिये।
बार-बार मुंह का साफ पानी से धोना चाहिये अगर शरीर में बैचेनी हो और सांस लेने में दिक्कत के साथ हाई बी पी हो तो उसे नजरअंदाज ना करें। डाँक्ट से परामर्श लें। बैचेनी के साथ घबराहट होने पर हार्ट रोग के लक्षण भी हो सकते है। प्रदूषित वातावरण में योग व्यायाम करने से बचें। लेकिन नियमित व्यायाम करें।